E-Commerce in Hindi: ई-कॉमर्स को समझें आसान शब्दों में

आज इंटरनेट का जमाना है, जिसके वजह से सभी लोग इंटरनेट से जुड़ने लगे हैं। इंटरनेट की बढ़ती मांग की वजह से इसका व्यापार के क्षेत्र में भी बहुत ही अच्छा और गहरा प्रभाव पड़ा है।

आपने कभी ना कभी तो इंटरनेट की मदद से जूते, मोबाइल, लैपटॉप, घड़ी, कपड़े या कोई ना कोई अन्य चीजें तो जरूर खरीदी होगी यदि हां तो आप E Commerce का हिस्सा बने रहे हैं।

आज हम आपको इस आर्टिकल की मदद से हिंदी में बताएंगे की ई-कॉमर्स क्या है E-Commerce in Hindi, इसके साथ ही हम ई-कॉमर्स से जुड़े अन्य भी चीजों के बारे में भी बातें करेंगे।

Contents Show

E-Commerce Kya Hai:

ई-कॉमर्स का अर्थ है ऐसे इलेक्ट्रॉनिक प्रक्रिया से है, जिसमें हम सभी कॉमर्स से संबंधित क्रियाओं को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस यानी कि कंप्यूटर या इंटरनेट के माध्यम से पूरा करते हैं।

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जब कोई वस्तु या सेवा का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे कि कंप्यूटर या इंटरनेट के माध्यम से विनिमय होता है तो उसे ई-कॉमर्स कहते हैं।

ई-कॉमर्स में ना केवल वस्तुओं को खरीदा या बेचा जाता है बल्कि इनमें तो विभिन्न प्रकार की सेवाओं को भी प्रदान किया जाता है और उन सेवाओं के बदले कंपनियों को उपभोक्ता भुगतान करती है।

ई-कॉमर्स के जरिए वस्तुओं सेवाओं या फिर सूचनाओं सभी का क्रय और विक्रय हो पाना संभव होता है जिसकी वजह से इसे ऑनलाइन या ई-शॉपिंग भी कहते हैं।

ई-कॉमर्स को अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय में इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली के रूप में भी जानते हैं।

ई-कॉमर्स की परिभाषाएं Definition of E-Commerce in Hindi:

ई-कॉमर्स का मतलब क्या है?

E-Commerce Meaning in Hindi

ई-कॉमर्स का मतलब Electronic Commerce से है, यह एक प्रकार का प्रोसेस है जिसमें बिजनेस और कंज्यूमर के मध्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम आ जाता है और इस इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के जरिए सेवा और वस्तुओं का विनिमय किया जाता है।

ई-कॉमर्स के प्रकार Types of E-Commerce in Hindi:

E-Commerce ke Prakar कुछ इस प्रकार से हैं:

1. Business to Business Commerce (B2B Commerce)
2. Business to Customer Commerce (B2C Commerce)
3. Intra B Commerce
4. Customer to Customer Commerce (C2C Commerce)
5. Customer to Business Commerce (C2B Commerce)

Types of E-Commerce in Hindi

Business to Business Commerce (B2B Commerce):

इस प्रकार की ई-कॉमर्स में सभी व्यावसायिक क्रिया दो या दो से अधिक बिजनेस या फर्म के मध्य होती है, कई बार ऐसा होता है कि दोनों में से एक कच्चा माल देता है तो दूसरा कच्चा माल के जरिए अंतिम प्रोडक्ट बनाता है।

इसके साथ ही यह सभी कार्य पूरी तरीके से इंटरनेट के जरिए होती है।

Business to Customer Commerce (B2C Commerce)

जैसे कि नाम से ही पता चल रहा है कि इस प्रकार ई-कॉमर्स में एक पक्षकार Customer होता है तो वहीं दूसरा कोई कंपनी या बिजनेस होता है।

Customer अपने घर बैठे अपनी मनपसंद की चीज इंटरनेट के माध्यम से सर्च करता है और उसके बाद उसे आर्डर करते हैं, आर्डर करने के बाद कंपनी की यह जिम्मेदारी होती है कि वह उस सामान या वस्तु को अपने Customer तक सही समय में पहुंचाए।

B2C Commerce का सबसे अच्छा उदाहरण Amazon, Flipkart और अन्य कंपनियां हैं जो इस प्रकार की सेवा प्रदान करती है।

Intra B Commerce:

इसमें व्यावसायिक क्रिया में दोनों तरफ के व्यक्ति एक ही व्यवसाय में शामिल होते हैं, जैसे कि किसी कंपनी का एक विभाग इंटरनेट के जरिए उत्पादन के संपर्क में रहता है ताकि Customer के अनुसार Product का निर्माण कर सकें।

तो वही दूसरा विभाग कंपनी के लिए कर्मचारियों प्रशिक्षण और कार्यों से संबंधित जानकारी देता है।

Customer to Customer Commerce (C2C Commerce):

इस प्रकार के ई-कॉमर्स बिज़नेस में व्यावसायिक क्रिया में शामिल दोनों पक्ष Customer होते हैं जिसके वजह से ही से Customer to Customer बिजनेस कहा जाता है।

इनमें उन वस्तुओं को खरीदा और बेचा जाता है जो मूल रूप से पुराने होते हैं, जैसे कि कोई Old Bike, Mobile, Clothes, Books या कोई भी अन्य चीजें या वस्तुएं हो सकती है।

Customer अपनी वस्तु को बेचने के लिए इंटरनेट के माध्यम से Customer को बेच सकता है।

इस प्रकार के ई-कॉमर्स बिजनेस का सबसे अच्छा उदाहरण है OLX जहां पर Customer अपनी पुरानी वस्तुओं को बेच सकता है।

Customer to Business Commerce (C2B Commerce):

यह बिजनेस मॉडल B2C का ठीक विपरीत है, इसमें Customer अपने फायदे के लिए अपने प्रोडक्ट या कोई स्किल को Online Sell करता है और बिजनेस प्रोडक्ट या स्किल्स को खरीदता है।

उदाहरण के लिए अगर किसी को लिखना पसंद है तो वह आर्टिकल लिखकर किसी कंपनी को बेच सकता है और उससे पैसे कमा सकता है और यह पूरी प्रक्रिया इंटरनेट के माध्यम से संपन्न होगी।

ई-कॉमर्स का इतिहास History of E-Commerce in Hindi:

ई-कॉमर्स का इतिहास जानने के लिए हमें समय में पीछे जाना पड़ेगा:

1960: Electronic Data Interchange EDI की अवधारणा पेश की गई, जिसकी मदद से Business को Computer Network पर सुरक्षित रूप से Commercial Documents का आदान प्रदान करने की अनुमति देता है।

1990: सन 1990 तक आते-आते इंटरनेट का व्यापक रूप को अपनाने से ऑनलाइन शॉपिंग का विकास हुआ जिससे कि ई-कॉमर्स का उदय हुआ।

इसके बाद eBay और Amazon जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेस को स्थापित किया गया जिससे कि व्यक्तियों और छोटे व्यवसायों को ऑनलाइन सामान बेचने की अनुमति मिली।

2000 के दशक की शुरुआत में: PayPal जैसी Secure Payment System Develop हुआ, जिससे ऑनलाइन लेनदेन की सभी उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित और अधिक सुविधाजनक बनाती गई।

2000 के दशक के मध्य में: मोबाइल डिवाइस का उदय हुआ जिससे कि स्मार्टफोन और टेबलेट की खरीदारी ऑनलाइन होने लगी।

2010: सोशल मीडिया की वजह से E-commerce काफी लोकप्रिय होते गया और इसकी वजह से Company सीधे अपने प्रोडक्ट को फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया के जरिए बेचने लगे।

आज का समय: वैसे देखा जाए तो ई-कॉमर्स का डेवलपमेंट आज भी जारी है परंतु आज Technology ने बहुत ही ज्यादा तरक्की कर ली है, आज artificial intelligence, machine learning की मदद से ई-कॉमर्स में अपने व्यवसाय और प्रोडक्ट को बेचने का तरीका काफी बदल दिया है।

ई-कॉमर्स के क्या फायदे हैं?

Advantages of E-Commerce in Hindi

ई-कॉमर्स के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित है:

1. वैश्विक स्तर तक पहुंच:

हम सभी तो यह जानते हैं कि इंटरनेट पूरी दुनिया में फैला हुआ है, और ई-कॉमर्स भी इंटरनेट से जुड़ा हुआ है जिसकी वजह से हम अपना Business ई-कॉमर्स की मदद से वैश्विक स्तर तक आसानी से पहुंचा सकते हैं।

जो भी व्यक्ति अपना Business ई-बिजनेस से जोड़ लेता है उनकी पहचान विश्व स्तर तक होने लगती है जिससे कि उनका Market में एक अच्छा पहचान और विस्तार भी होने लगता है और नए नए ग्राहक उनसे जुड़ने लगते हैं जिससे कि उनकी Sales में वृद्धि होती है।

2. श्रृंखला में कमी:

जब से E-commerce का कॉन्सेप्ट हमारे सामने आया है, थोक और फुटकर व्यापारी तो लुप्त हो गए हैं जिससे कि पूर्ति श्रृंखला भी अब सिकुड़ने लगी है क्योंकि इससे जितने भी उत्पादक हैं वह सीधे अपने Customer से Internet के माध्यम से संपर्क में आ जाते हैं।

जिससे Customer बहुत ही कम मूल्यों में उनकी मनपसंद वस्तुएं मिल जाती है, और इसके साथ ही उत्पादकों को भी अपने Customer से Feedback भी मिल जाता है।

3. पर्सनल खर्चों में कमी:

ई-कॉमर्स बिज़नेस में यह देखा गया है कि इसमें काम करने के लिए अत्यधिक कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि अधिकांश कार्य Computer और विभिन्न प्रकार के Electronic Device के मदद से पूर्ण हो जाती है।

एक ही कंप्यूटर अनेक लोगों का कार्य बहुत ही तेज गति से और शुद्धता के साथ कर देता है, जिससे कि कर्मचारियों पर होने वाले खर्चो पर कमी आई है।

4. समय की बचत:

जैसे की हम सभी जानते हैं कि इंटरनेट और कंप्यूटर दोनों ही ई-कॉमर्स बिजनेस से जुड़े हुए हैं, और यह दोनों ही बहुत ही तेज गति से कार्य करते हैं जिसके वजह से समय की काफी बचत हो जाती है।

इसके साथ ही Customer को अपनी मनपसंद की वस्तु को लेने के लिए बाजार जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है उसे घर बैठे ही दुकान में मौजूद सभी प्रकार की वस्तुओं की जानकारी आसानी से ही मिल जाती है इससे Customer के समय की भी बचत हो जाती है।

5. पेमेंट में जोखिम नहीं:

ई-कॉमर्स बिज़नेस में बैंक के द्वारा जारी किए गए कोई भी डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पेमेंट किया जा सकता है इसके साथ ही कुछ Companies, पेमेंट लेने के लिए UPI की भी सुविधा देती है।

6. नए प्रोडक्ट को लाने में आसानी:

ई-कॉमर्स में कोई भी कंपनी अपने नए प्रोडक्ट को मार्केट में आसानी से ला सकती है और इंटरनेट के माध्यम से ही उसकी पूरी जानकारी अपने Customer तक पहुंचा सकती है जिससे कि Customer अपने घर बैठे उस Product के बारे में पूरी जानकारी ले सकता है।

7. आसान वितरण की प्रक्रिया:

ई-कॉमर्स में किसी भी प्रोडक्ट सेवा या सूचना की जानकारी कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से दिया जा सकता है जिसकी वजह से वितरण की प्रणाली भी काफी आसान और सरल हो गई है, इससे लागतो में भी काफी कमी आई है।

8. दूरस्थ इलाकों तक सेवाओं का उपलब्ध:

ई-कॉमर्स बिजनेस का प्रमुख लाभ जा रहा है कि इससे दूरस्थ इलाकों तक वस्तुओं और सेवाओं को आसानी से पहुंचाया जा सकता है।

ई-कॉमर्स के नुकसान क्या है Disadvantages of E-Commerce in Hindi:

ई-कॉमर्स के प्रमुख कुछ कमियां:

व्यक्तिगत संपर्क की कमी:

E-Commerce बिजनेस में ऐसा देखा गया है कि उन वस्तुओं को खरीदने और बेचने के लिए यह उपयुक्त नहीं है जिसमें व्यक्तिगत संपर्क की आवश्यकता महसूस होती है जैसे कि गारमेंट्स के बिजनेस में।

Delivery में देरी:

कई बार ऐसा देखा गया है कि ई-कॉमर्स बिजनेस में ऑर्डर भेजने के बाद भी वस्तुओं की डिलीवरी सही समय पर नहीं होती यानी कि सही समय पर डिलीवर होने की बजाय अधिक समय लग जाता है जिससे कि Customer काफी परेशान रहता है।

Hardware की आवश्यकता:

ई-कॉमर्स बिजनेस को संचालित करने के लिए कुछ जरूरी हार्डवेयर की आवश्यकता होती है जैसे कि कंप्यूटर या कोई ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जिसमें हम इंटरनेट का उपयोग कर सके।

इसके साथ ही ये दोनों प्रकार की चीजें दोनों पक्षों के लिए ही लागू होती है और जिसे इंटरनेट से संबंधित कार्य समझ नहीं आता है वह ई-कॉमर्स को संचालित या उसका क्रियान्वयन नहीं कर पाएगा।

जोखिम:

ई-कॉमर्स बिज़नेस में दोनों ही पक्षों में किसी भी प्रकार का प्रत्यक्ष संबंध नहीं होता है, जिसके वजह से अक्सर यह देखा गया है कि इस प्रकार के व्यवसाय में धोखा होने की संभावना अधिक होती है।

नैतिकता में कमी:

E-Commerce में कम नैतिक व्यवहार होता है।

ई-कॉमर्स की विशेषताएं Features of E-Commerce in Hindi:

ई-कॉमर्स की कुछ प्रमुख विशेषताएं होती है जोकि निम्नलिखित हैं:

  1. ई-कॉमर्स के जरिए व्यवसाय को हम पूरे विश्व तक फैला सकते हैं।
  2. इसके जरिए हम वस्तुओं को आसानी से खरीद और बेच सकते हैं।
  3. ई-कॉमर्स ने बैंकिंग सुविधाएं और पैसों को Transfer की सुविधाओं को बहुत ही आसान कर दिया है, आप आसानी से एक खाते से दूसरे खाते में पैसों को Transfer कर सकते हैं।
  4. ई-कॉमर्स बिज़नेस बीमा के अवसर भी प्रदान करता है जैसे बीमा प्रीमियम का भुगतान आदि।
  5. ई-कॉमर्स बिज़नेस ने विदेशी व्यापार को बहुत ही ज्यादा आसान कर दिया है इसके जरिए हम अपने बिजनेस को विदेशों तक भी पहुंचा सकते हैं।
  6. इसके जरिए परिवहन की सुविधाएं भी प्राप्त कर सकते हैं और प्रदान भी कर सकते हैं।
  7. ई-कॉमर्स विभिन्न प्रकार के लागतो को कम कर देता है।
  8. Customer और Seller के मध्य Communication को आसान कर देता है।

ई-कॉमर्स के लिए आवश्यक संसाधन:

Resources Required for E-Commerce:

ई-कॉमर्स के लिए कुछ आवश्यक संसाधनों की आवश्यकता होती है, जोकि इस प्रकार से हैं:

Computer System:

Computer System ई-कॉमर्स का पहला आवश्यक संसाधनों में से एक है हम सभी तो यह जानते हैं कि ई-कॉमर्स का मूलाधार इंटरनेट और कंप्यूटर है

कंप्यूटर के जरिए ही हम इंटरनेट से जुड़ सकते हैं, और कंप्यूटर पर होने वाली विभिन्न प्रकार की गतिविधियों की मदद से हम E-Business के विभिन्न प्रकार के व्यवहारों को देख सकते हैं।

Software:

कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर के मध्य भी अच्छी Connectivity होनी चाहिए, जिससे कि कोई भी प्रोग्राम में Error ना आए, क्योंकि इससे ई-कॉमर्स की क्वालिटी में कमी आती है।

दूरसंचार प्रणाली:

ई-कॉमर्स के पूर्ण रूप से सफल होने के लिए हमें एक और प्रणाली की आवश्यकता होती है और वह दूरसंचार प्रणाली यह तभी संभव है जब इंटरनेट की संपर्क प्रणाली और बिजनेस प्रणाली प्रभावी रूप से सक्षम हो।

इंटरनेट कनेक्शन:

ई-कॉमर्स की शुरुआत तो इंटरनेट से ही होती है, इसीलिए ई-कॉमर्स के लिए इंटरनेट का होना अत्यंत आवश्यक है, आज के समय में इंटरनेट लेना बहुत ही आसान हो गया है कोई भी Private Service Provider Companies से यह सुविधा ले सकते हैं।

Web Page Create करना:

ई-कॉमर्स के लिए वेब पेज Create करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्योंकि Customer इसी Web Page पर Visit करेगा, और अपनी मनपसंद की वस्तुओं को खरीदेगा।

प्रशिक्षित कर्मचारी:

अब इन सब चीजों के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों का होना अत्यंत आवश्यक है जोकि ई-कॉमर्स के लिए कुशल संचालन में सक्रिय होकर अपना सहयोग दे सके।

इसके साथ ही Customer में भी विश्वास उत्पन्न कर सके और उन्हें उचित सलाह दे सके और कोई समस्या हो तो उसका भी निदान कर सके।

ई-कॉमर्स बिज़नेस मॉडल क्या है:

ई-कॉमर्स का बिजनेस मॉडल ऑनलाइन बिजनेस के तरीके जैसे ग्राहक को Online Product और Service खरीदने की सुविधाएं देती है, और यह बिजनेस मॉडल का आधार ई-कॉमर्स वेबसाइट, मोबाइल एप्लीकेशन या फिर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हो सकती है।

ई-कॉमर्स बिज़नेस मॉडल कुछ सामान्य तरीकों से कंपनियों के लिए Revenue Generate करती है, जो कि इस प्रकार से हैं:

business model of e-commerce

Direct Selling:

E-Commerce में सभी कंपनियां ग्राहकों को अपने Product और Service डायरेक्ट बेच सकती है।

Marketplace:

ई-कॉमर्स Marketplace Third Party Sellers के Products और Services को सेल करती है जिनमें Amazon और eBay भी शामिल है।

Subscriptions:

Customer अपने Products या Services के लिए Monthly या Annual पर Subscription कंपनियों के द्वारा ले सकता है।

ई-कॉमर्स कंपनियां अपने Products या Services के लिए Advertisement करती है जिससे कि उन्हें Revenue Generate होता है।

Commission Based:

ई-कॉमर्स कंपनियां Third Party Sellers के Products और Services को बेचते हैं जिससे कि उन्हें कमीशन के रूप में Revenue Generate होता है।

यह ई-कॉमर्स बिजनेस मॉडल के कुछ सामान्य तरीके हैं जिससे कि उन्हें Revenue Generate होता है।

ई-कॉमर्स के कार्य क्या है Work of E-Commerce in Hindi:

ई-कॉमर्स के कार्य कुछ इस प्रकार से हैं:

  1. E-Commerce का मुख्य कार्य ग्राहकों को Products और Services को ऑनलाइन तरीके से खरीदने की क्षमता प्रदान करना है।
  2. ई-कॉमर्स Customer को विभिन्न प्रकार की Payment System जैसे कि क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग आदि के माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट करने में सक्षम बनाता है।
  3. E-Commerce वेबसाइट में अपने Product की पूरी जानकारी मौजूद रहती है।
  4. यह कॉमर्स सिस्टम Business को Inventory Level तक मैनेज करता है और उनके Stock को Track करने में सहायता प्रदान करता है।
  5. ई-कॉमर्स के प्लेटफार्म में आर्डर पूरा करने की प्रक्रिया पूर्ण रूप से Automated रहती है जिसमें Order Processing, Shipping और Delivery शामिल रहता है।
  6. E-Commerce में अपने Products और बिजनेस को अपने टारगेट ऑडियंस तक पहुंचाने के लिए विभिन्न के Tools और Software का उपयोग करते हैं।
  7. ई-कॉमर्स प्लेटफार्म अपने बिजनेस के Data और Analytics के Performance को Track करने में मदद करता है।
  8. इसके साथ ही ई-कॉमर्स बिजनेस के Supply Chain Process को मैनेज करने में मदद करता है।
Conclusion:

ई-कॉमर्स के बढ़ते प्रभाव ने हमारे जीवन में सकरात्मकता लायी है, इसके साथ ही यह हमारे लिए बहुत ही उपयोगी और सरल है |

उम्मीद करते है आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल E-Commerce क्या है पसंद आयी होगी.

FAQ:

E-Commerce के प्रकार क्या है?

E-Commerce के प्रकार है:
1. Business to Business Commerce (B2B Commerce)
2. Business to Customer Commerce (B2C Commerce)
3. Intra B Commerce
4. Customer to Customer Commerce (C2C Commerce)
5. Customer to Business Commerce (C2B Commerce)

भारत में ई कॉमर्स के जनक कौन है?

भारत में ई कॉमर्स के जनक K Vaitheeswaran है।

भारत की सबसे बड़ी ई कॉमर्स कंपनी क्या है?

Flipkart और Amazon भारत की सबसे बड़ी ई कॉमर्स कंपनी है

1 thought on “E-Commerce in Hindi: ई-कॉमर्स को समझें आसान शब्दों में”

Leave a Comment

error: Content is protected !!