नमस्कार दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल की मदद से अर्थशास्त्र के विभिन्न पहलुओं को हिंदी के आसान शब्दों में समझाने का प्रयास करेंगे, जैसे कि: Economics in Hindi, Economics Definition in Hindi, Important of Economics in Hindi etc…….
आइए अर्थशास्त्र के बारे में समझने से पहले आपको एक छोटी सी कहानी के बारे में समझाते हैं जिससे कि अर्थशास्त्र को समझना आपके लिए बहुत ही ज्यादा आसान हो जाएगा:
अर्थशास्त्र एक ऐसा अनुशासन है जो हमें यह समझने में मदद करता है कि हम कैसे सीमित संसाधनों का उपयोग करके अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें।
इसके लिए एक छोटी सी कहानी है: एक गांव में एक किसान रहता था जिसके पास सिर्फ एक बीघा जमीन थी और उसके पास कुछ बीज है जिससे वह खेत में फसल को उगा सकता हैं।
परंतु वह चाहता था कि उसकी फसलें ज्यादा से ज्यादा लोग खरीदें ताकि उसकी इनकम भी बढ़ सके, लेकिन उसमें एक दिन देखा कि उसकी फसलों का मूल्य बाजार में बहुत ही कम हो गया है।
और वह बहुत ज्यादा परेशान हो गया, अपनी इस समस्या को लेकर अपने एक साथी को बताया, तो उसके साथी ने भी उसे एक अच्छा सा सुझाव दिया कि वह अपनी फसलों को बाजार में बेचने की बजाय उससे कुछ अच्छे प्रोडक्ट बनाकर अपने ही गांव के लोगों को बेच सकें।
इससे उसकी फसलों का मूल्य भी बढ़ जाएगा और उसकी आमदनी भी बढ़ जाएगी, इसी तरह उसकी सामने अपनी फसलों से जाम, मुरब्बा, आचार और अन्य तरह के प्रोडक्ट बनाकर बेचना प्रारंभ किया। इससे उस किसान की आमदनी में भी बढ़ोतरी हो गई।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अर्थशास्त्र यानी कि इकोनॉमिक्स भी हमें सीमित संसाधन (Limited Resources) का सही तरीके से उपयोग करना बताती है जिससे हम अपनी इनकम को बढ़ा सकें।
और हमें यह भी दिखाता है कि अगर हम फसलों को सीधे बेचने की बजाए उससे अगर किसी तरह का Products या फिर उत्पाद बनाएं तो उसकी Value बढ़ जाएगी और हमें अधिक Profit होगा।
अर्थशास्त्र क्या है (Economics in Hindi):
Economics को अर्थशास्त्र या फिर वित्तीय शास्त्र के रूप में भी जाना जाता है, यह एक ऐसा सामाजिक विज्ञान होता है जिसमें हम समाज, सरकार, व्यक्ति के आर्थिक व्यवहार के बारे में समझा जाता है।
इसमें आर्थिक प्रक्रिया, finance, सामाजिक व्यवस्था, धन का प्रयोग, आर्थिक नीति, Business, व्यय, समाजिक व्यवहार, डेवलपमेंट, सुरक्षा और आर्थिक क्रांति जैसे आर्थिक विषयों के बारे में संक्षिप्त विवरण रहता है।
इसकी मदद से लोग आर्थिक विकास, सामाजिक सुख, आर्थिक सुरक्षा, Financial Independence जैसे लक्ष्यों को बहुत ही आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
इकोनॉमिक्स एक ऐसी शाखा है जो मानव समाज के आर्थिक व्यवस्था के अध्ययन से जुड़ा हुआ रहता है यह आर्थिक समस्या का समाधान निकालता है साथ ही समाज की आर्थिक स्थिति को समझता है।
इसके साथ ही यह आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिससे कि समाज के आर्थिक विकास की प्रक्रिया और उत्पादन की प्रक्रिया को समझने में काफी सहायता मिलती है।
अर्थशास्त्र की परिभाषा (Economics Definition in Hindi):
Adam Smith (एडम स्मिथ) के अनुसार:
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एडम स्मिथ ने 1776 में प्रकाशित अपनी पुस्तक (An enquiry into the Nature and the Causes of the Wealth of Nations ) में अर्थशास्त्र को धन का विज्ञान माना है।
डॉ॰ मार्शल के अनुसार:
डॉ॰ मार्शल ने 1890 में प्रकाशित अपनी पुस्तक अर्थशास्त्र के सिद्धान्त (Principles of Economics) में अर्थशास्त्र की कल्याण सम्बन्धी परिभाषा देकर इसको लोकप्रिय बना दिया।
अर्थशास्त्री लार्ड राबिन्स के अनुसार:
ब्रिटेन के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री लार्ड राबिन्स ने 1932 में प्रकाशित अपनी पुस्तक, ‘‘An Essay on the Nature and Significance of Economic Science’’ में अर्थशास्त्र को दुर्लभता का सिद्धान्त माना है। इस सम्बन्ध में उनका मत है कि मानवीय आवश्यकताएं असीमित है तथा उनको पूरा करने के साधन सीमित है।
सैम्यूल्सन (Samuelson) के अनुसार:
आधुनिक अर्थशास्त्री सैम्यूल्सन (Samuelson) ने अर्थशास्त्र को विकास का शास्त्र (Science of Growth ) कहा है।
कपिल आर्य (Kapil Arya) के अनुसार:
आधुनिक अर्थशास्त्री कपिल आर्य (Kapil Arya) ने अपनी पुस्तक “अर्थमेधा” में अर्थशास्त्र को सुख के साधनों का विज्ञान माना है |
अर्थशास्त्र के प्रकार (Types of Economics in Hindi):
अर्थशास्त्र मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
- Microeconomics (माइक्रोइकोनॉमिक्स)
- Macroeconomics (मैक्रोइकोनॉमिक्स)

Microeconomics (व्यष्टि अर्थशास्त्र):
Microeconomics यानी कि सूक्ष्म अर्थशास्त्र ऐसी शाखा है जिसमें हम उत्पाद, उपभोक्ता और उत्पादक के कारण से संबंधित आर्थिक गतिविधियों का अध्ययन करते हैं।
इसके अंतर्गत विभिन्न उत्पादों की आपूर्ति, मांग, उपभोक्ता के व्यवहार, उत्पादकों की व्यवस्था और प्रबंधन जैसे विषयों को शामिल किया जाता है।
Microeconomics में छोटी सी छोटी प्रक्रिया जैसे कि एक व्यापारिक व्यक्ति के निर्णय, उत्पादन की कीमत, उपलब्धता और इसके साथ ही प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जाती है।
इसका मुख्य उद्देश्य उपलब्ध हुए सेवाओं और प्रोडक्ट का उत्पादन, वितरण और उपभोक्ताओं की कृतियों को समझना है।
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Macroeconomics (समष्टि अर्थशास्त्र):
Macroeconomics अर्थशास्त्र की एक ऐसी शाखा है जिसमें हम समाज के आर्थिक गतिविधियों और प्रक्रियाओं को समझने की कोशिश करते हैं जिसमें सामाजिक उत्पादन, समाजिक अर्थव्यवस्था, Business, Investment और सरकारी नीतियों को शामिल किया जाता है।
इसमें व्यापार के प्रभाव के बारे में भी अध्ययन किया जाता है जैसे कि GDP, Investment, Jobs, Industry & Natural Desaster और इसके साथ ही सरकार की नीतियां और राजनीति की परख भी की जाती है जिनमें प्रभाव का वर्णन और सरकार की विभिन्न प्रकार की नीतियां बनाई जाती है।
इसका अध्ययन अवधारणा के आधार पर की जाती है जिसमें कुछ सामग्री का प्रयोग किया जाता है जैसे कि गणितीय मॉडल, सांख्यिकी, Econometrics आदि।
Scope of Economics in Hindi:
Scope of Economics जिसे विस्तार संबंधी अर्थशास्त्र भी कहा जाता है, यह किसी कंपनी के उन Profits को दर्शाने में मदद करता है, जो उत्पादों या फिर सेवाओं को एक सीरीज में निर्माण करने का कार्य करती है।
उदाहरण के लिए यदि किसी कंपनी में सेब और संतरे को उत्पादित किया जाता है तो यह संभव है कि दोनों फलों के लिए एक ही प्रकार के पैकेजिंग और वितरण प्रणाली का उपयोग किया जाता हो।
जिससे की लागत में कमी आए, यह विस्तार संबंधी अर्थशास्त्र यानी कि Scope of Economics एक बढ़िया उदाहरण है।
इसी प्रकार यदि कोई कंपनी सेवाएं प्रदान करती है, तो उन्हें सेवाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रकार के संसाधन जैसे कि Place, Office, Office Staff, Device का उपयोग कर सकती है और जब प्रत्येक सेवा अलग-अलग प्रदान किया जाएगा तो इससे लागत में कमी आती है।
Economic Me Kya Pdha Jata Hai:
वैसे देखा जाए तो Economic एक बहुत बड़ा विषय है जिसमें बहुत सारे तथ्यों के बारे में अध्ययन कराया जाता है फिर भी कुछ प्रमुख विषय इसमें शामिल किए गए हैं जैसे कि:
Microeconomics:
इसमें कुछ महत्वपूर्ण विषय जैसे कि: व्यक्तिगत आर्थिक एजेंट, घरेलू कंपनियों के व्यवहार, मूल्य निर्धारण, बाजार संरचना इत्यादि के बारे में पढ़ाया जाता है।
Macroeconomics:
इसमें राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था जैसे कि GDP, Inflation, बेरोजगारी दर, राजकोषीय नीति, मौद्रिक नीति जैसे महत्वपूर्ण विषयों के बारे में अध्ययन कराया जाता है।
International Economics:
इसमें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, विदेशी मुद्रा दर, अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक नीतियां जैसे विषयों के बारे में गहराई से अध्ययन कराया जाता है।
Development Economics:
इसमें विकासशील देशों के आर्थिक विकास, गरीबी, आय, असमानता और सामाजिक मुद्दों जैसे विभिन्न पहलुओं पर बात किया जाता है।
Public Economics:
इसमें सरकारी नीतियां, Taxes, सार्वजनिक वस्तुओं जैसे विषयों का अध्ययन किया जाता है।
इसके साथ ही इकोनॉमिक्स के Econometrics, Mathematics, Statistics जैसे विषय भी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं।
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Economics का क्या महत्व है (Importance of Economics in Hindi):
अर्थशास्त्र एक प्रभावशाली सामाजिक विज्ञान हैं जो हमारे जीवन के विभिन्न प्रकार के गतिविधियों, व्यवसायों, सरकारी नीतियां, अर्थव्यवस्था जैसे विषयों को समझने और प्रभावित करने का कार्य करता है।
इकोनॉमिक्स का हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व है जैसे कि:
आर्थिक विकास में:
इकोनॉमिक्स के अध्ययन से हम लोगों को आर्थिक विकास करने में सहायता मिलती है इससे हम सही नीतियां और योजना बनाने के लिए सलाह और कार्य करने की दिशा मिलती है।
इसके साथ ही यह हमारे देश के आर्थिक विकास और उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण साधन है।
सरकारी नीतियां बनाने में सहायक:
इकोनॉमिक्स का अध्ययन करके इसका उपयोग सरकारी नीतियां बनाने में और उसके विकास के लिए किया जाता है, अर्थशास्त्र के वजह से ही सरकार को सही नीतियां और विकास के कार्य करने में काफी मदद मिलती है।
व्यापार में सफलता:
किसी भी व्यापार की सफलता में इकोनॉमिक्स का बहुत बड़ा हाथ होता है, व्यापार में सफलता के लिए सही आर्थिक प्रभाव को समझना और उसका प्रबंधन करना बहुत आवश्यक होता है और यह सब इकोनॉमिक्स की मदद से बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है।
सामाजिक और राजनीतिक विकास:
अर्थशास्त्र की मदद से समाज और राजनीतिक विकास की गति के प्रभाव को पता लगाया जा सकता है और इसके साथ ही यह देश के विकास के लिए भी बहुत ज्यादा जरूरी है।
इस प्रकार देखा जाए तो अर्थशास्त्र हमारे जीवन के साथ-साथ हमारे देश के लिए भी बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है जो हमारे आर्थिक सामाजिक और राजनीतिक जीवन में भी काफी सहायता प्रदान करता है।
Father of Economics in Hindi:
Father of Economics की पहचान अलग-अलग विद्वानों के द्वारा किया गया है क्योंकि यह इतिहास के विभिन्न कारणों के कारण बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं।
परंतु सबसे अधिक मान्यता प्राप्त अर्थशास्त्र के पिता के रूप में एडम स्मिथ Adam Smith को जाना जाता है, जो कि एक प्रसिद्ध है स्कॉटिश अर्थशास्त्री और दार्शनिक थे इसके साथ ही उन्हें आधुनिक अर्थशास्त्र के उद्धारक भी माने जाते हैं।
उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक “द वेल्थ ऑफ नेशन” (The Wealth of Nations) जिसे सन 1776 में प्रकाशित किया गया था, इस किताब में क्लासिकल अर्थशास्त्र का एक आधार रखा।
एडम स्मिथ का बाजार, विभाजन, सरकार की अर्थव्यवस्था में भूमिका पर विचार आज भी अध्ययन और विवाद का विषय है।
भारतीय अर्थशास्त्र के जनक कौन हैं (Bhartiya arthshastra ke Janak):
भारतीय अर्थशास्त्र के जनक के रूप में कौटिल्य (आचार्य चाणक्य) जी हैं, आचार्य चाणक्य एक राजनीतिक, दार्शनिक, अर्थशास्त्री और राजा के प्रमुख सलाहकार थे।
आचार्य चाणक्य चौथी शताब्दी में भारत में रहते थे उन्होंने मौर्य साम्राज्य के बादशाह चंद्रगुप्त मौर्य के राजा मंत्री के रूप में सेवा की थी।
कौटिल्य (आचार्य चाणक्य) को अर्थशास्त्र लिखने का प्रमुख श्रेय दिया जाता है जिसमें अर्थव्यवस्था, राजनीति और राज्य व्यवस्था पर एक ग्रंथ है।
अर्थशास्त्र के अंतर्गत प्रशासन, कर अंतरराष्ट्रीय संबंध, युद्ध और कूटनीति, सामाजिक कल्याण जैसे विभिन्न विषयों के बारे में विस्तार से विवरण किया गया है।
यह राजनीति विज्ञान का सबसे व्यापक और प्रभावशाली ग्रंथों में से एक माना जाता है जोकि भारतीय राजनीति के विकास में बहुत बड़ा योगदान देती है।
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Best Economic Books in Hindi:
Best Economic Books in Hindi: कुछ प्रमुख अर्थशास्त्र की किताबें इस प्रकार से है:
अर्थशास्त्र | कौटिल्य (आचार्य चाणक्य) |
व्यवसायिक अर्थशास्त्र | डॉ रवि अग्रवाल |
अर्थव्यवस्था का विकास | अमर्त्य सेन |
अर्थशास्त्र में अर्थव्यवस्था | रतनलाल बासु |
भारत में अर्थव्यवस्था | वीकेआरवी राव |
समाजशास्त्र | राम अहूजा |
आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय | ज्या द्रेज |
भारतीय अर्थव्यवस्था | उमा कपिला |
विश्व अर्थव्यवस्था | रमेश सिंह |
अर्थव्यवस्था की रूपरेखा | एम एल झींगन |
यह कुछ प्रसिद्ध अर्थशास्त्र की किताबें हैं जोकि हिंदी में उपलब्ध है जिसे पढ़कर आप अपनी इकोनॉमिक्स के ज्ञान को बढ़ा सकते हैं।
Students Economic Subject को समझ क्यों नहीं पाते हैं:
स्टूडेंट को इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट को समझने में काफी परेशानी हो सकती है जिसके कई कारण हो सकते हैं जैसे कि:
- अर्थशास्त्र विषय के शब्द और भाषा को विद्यार्थियों को सही से समझने में काफी परेशानियां होती है क्योंकि इकोनॉमिक्स में प्रयोग किए गए शब्द काफी कठिन होते हैं।
- विद्यार्थियों के पास इकोनॉमिक्स की बेसिक जानकारी का अभाव होता है जैसे की कुछ प्रमुख सिद्धांत, व्यवस्था तत्व आदि.
- यदि पढ़ाने का तरीका बोरिंग हो तो भी विद्यार्थियों को यह सब्जेक्ट पढ़ने में रूचि नहीं लगती है।
- स्टूडेंट केवल सिद्धांतों और व्यवस्थाओं को पढ़कर या फिर उन्हें याद करना चाहते हैं, बल्कि उन्हें व्यावहारिक प्रयोग का उपयोग करना चाहिए जिससे इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट को समझने में काफी आसानी होगी।
अर्थव्यवस्था के क्षेत्र (Economy Sector in Hindi):
अर्थव्यवस्था के मुख्य रूप से तीन प्रमुख क्षेत्र होते हैं:
प्राथमिक क्षेत्र:
इस क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों का उत्पादन और उससे प्राप्त जैसे कि कृषि, वाणिज्य, मछली पालन जैसे व्यवसाय आते हैं।
द्वितीय क्षेत्र:
इस क्षेत्र में Manufacturing Business और निर्माण के उद्योगों को शामिल किया गया है जिसकी मदद से कच्चे माल को अंतिम उत्पाद के रूप में परिवर्तित किया जाता है।
जैसे कि Automobile Manufacturing Company, Textile Industry, Construction etc.
तृतीय क्षेत्र:
इस क्षेत्र को सेवा के रूप में भी जाना जाता है जिसमें उपभोक्ताओं और व्यवसायों को भी सेवाएं प्रदान की जाती है।
जैसे कि: Healthcare, Education, Hotel, Finance and Retail Business etc.
Conclusion:
आज आपने समझा कि Economics in Hindi, इसके साथ ही आपने अर्थशास्त्र के विभिन्न पहलू जैसे कि परिभाषा, महत्व, Scope और इसके सेक्टर के बारे में जाना, हम उम्मीद करते है कि हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा.
अगर आपके मन इस विषय के प्रति कोई भी सवाल है तो हमें कमेंट करके जरुर बताएं.
FAQ:
Arthshastra Ko English Mein Kya Kahate Hain
Arthshastra Ko English Mein Economics Kahate Hain.
Kisne Kaha Arthshastra Dhan ka Vigyan Hai
Adam Smith Ne Arthshastra Dhan ka Vigyan Kaha Hai.
Arthik Kriya Kise Kahate Hain?
अर्थिक क्रियाएँ (Economic activities) उन सभी क्रियाओं को कहते हैं, जिनसे समाज या अर्थव्यवस्था का आर्थिक विकास होता हैं। इनमें वाणिज्यिक क्रियाएं, उत्पादन, वित्तीय गतिविधियां, औद्योगिक क्रियाएं, वित्तीय प्रबंधन, वित्तीय संसाधनों का उपयोग, आवंटन और उपयोग आदि शामिल किया गया हैं।
अर्थशास्त्र शब्द कहां से आया है?
‘इकोनॉमिक्स’ दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है, जिसका संछेप में अर्थ होता है घर और ‘नोमोस’ का अर्थ खाता है , जो घरेलू प्रबंधन को संदर्भित करता है।

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