वैसे तो आप सभी आज के समय में फाइनेंस शब्द से अवगत जरूर होंगे, क्योंकि यह हमारे दैनिक दिनचर्या के विभिन्न कार्यों में शामिल हो चुका है, और हम दिन भर में कोई ना कोई कार्य ऐसा करते ही हैं जोकि Finance से जुड़ा हुआ रहता है।
इसलिए आज हम आपको फाइनेंस से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी देंगे जैसे फाइनेंस क्या है What is Finance in Hindi, Definition of Finance in Hindi, Types of Finance in Hindi और भी अन्य चीजें जो फाइनेंस से जुड़ी हुई है उसके बारे में पूरी जानकारी आपको देने का प्रयास करेंगे।
तो चलिए बिना देरी किए आज का यह आर्टिकल शुरू करते हैं।
What is Finance in Hindi (Finance Kya Hai):
Finance का मतलब होता है वित्त यानी कि आर्थिक प्रबंधन और व्यवसाय की वित्त संबंधित गतिविधियां. और इस शब्द का उपयोग बहुत सारे आर्थिक क्षेत्रों में होता है जैसे कि बैंकिंग के क्षेत्रों में, निवेश के क्षेत्रों में, बचत, बीमा, कर आदि के क्षेत्रों में होता है।
फाइनेंस के सही प्रबंधन से वित्तीय कंपनी के आर्थिक स्थिति सुधर जाती है और उन्हें आगे बढ़ने की सुविधा मिलती है।
Finance धन और अन्य प्रकार की financial assets को मैनेज करने का साधन है और यह अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण पहलू भी है जो व्यवसायों, सरकारों और व्यक्तियों के सुचारू कार्यों के लिए बहुत ही ज्यादा आवश्यक हो जाता है।
इसके साथ ही फाइनेंस संबंधी प्रक्रिया में शामिल होते हैं संपत्ति प्रबंधन, योजना, कर प्रबंधन आदि।
फाइनेंस की सुविधाएं विश्व के सभी क्षेत्रों में उपलब्ध है और व्यक्ति या कंपनी के धन का उपयोग उनकी आय का विस्तार करने के लिए या फिर उनके धन की सुरक्षा की जांच करने के लिए किया जाता है।
आपको बता दें कि सभी लोगों के लिए उचित फाइनेंस की समझ होना बहुत ही ज्यादा अनिवार्य हो जाता है क्योंकि इसके सही इस्तेमाल से लोगों की आर्थिक स्थिति में काफी बदलाव आ जाता है यानी कि उनकी आर्थिक स्थिति काफी सुधर सकती है।
इसके साथ ही उन्हें निवेश योजनाओं से लाभ प्राप्त करने की सुविधाएं भी मिलती है।
फाइनेंस को व्यवस्थित करने और मैनेज करने का एक विशेष क्षेत्र होता है जिसे वित्तीय विज्ञान या फिर वित्तीय व्यवस्था भी कहा जाता है, यह वित्तीय संस्थान बाजारों, निवेश, वित्तीय उत्पादों, बीमा और अन्य प्रकार के विषयों से संबंधित होते हैं।
फाइनेंस की दुनिया में काम करने वाले लोगों को फाइनेंस व्यवस्थापक कहा जाता है।
Types of Finance in Hindi:
फाइनेंस के कुछ प्रमुख प्रकार होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं:

- Personal Finance
- Corporate Finance
- Public Finance
Personal Finance:
इस प्रकार के फाइनेंस में पर्सनल फाइनेंस की बातें होती है जैसे कि बचत, निवेश, कर और पेंशन आदि। साथ ही आप इसमें अपने जीवन के विभिन्न लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अपने पैसे को बचा सकते हैं।
इसके साथ ही यह व्यक्ति के व्यक्तिगत और आर्थिक व्यय के साथ जुड़ा हुआ होता है और व्यक्ति अपने रोजगार के साथ बचत, इन्वेस्टमेंट और कर का प्रबंधन करता है।
पर्सनल फाइनेंस का मुख्य उद्देश्य किसी व्यक्ति की आर्थिक सुरक्षा और प्रगति होता है, पर्सनल फाइनेंस के अंतर्गत आप अपनी इनकम का पालन करते हुए अपने खर्चों को कंट्रोल करते हैं और इसके साथ ही अपने सेविंग को बढ़ाते हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकते हैं।
इसमें आपको अपने इनकम और खर्चों को प्रबंधन करने की आवश्यकता होती है ताकि आप सही निवेश और बचत के लिए उपाय ढूंढ सके।
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Corporate Finance:
कॉरपोरेट फाइनेंस का उपयोग मुख्य रूप से किसी भी कंपनी के आर्थिक प्रबंधन और वित्तीय नीति के लिए किया जाता है। यह निवेश स्थाई संपत्ति के प्रबंधन कर और अधिग्रहण और अन्य विषयों के साथ जुड़ा हुआ रहता है।
कॉरपोरेट फाइनेंस का मुख्य उद्देश्य कंपनी के शेयरहोल्डर को लाभ प्रदान करना होता है। इसके अंतर्गत किसी भी कंपनी के लिए कैपिटल का प्रबंधन किया जाता है जिसमें Equity Capital और Debt Capital को शामिल किया जाता है।
Mergers and Acquisitions (M&A), Corporate Finance का महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसमें एक कंपनी दूसरे कंपनी को खरीद लेती है या फिर उनके साथ जुड़ जाती है।
इसके साथ ही कॉरपोरेट फाइनेंस में इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, फाइनेंशियल रिर्पोटिंग और रिस्क मैनेजमेंट जैसे विषयों को भी शामिल किया जाता है।
Public Finance:
पब्लिक फाइनेंस सरकारी संस्थानों और सरकारी विभागों के लिए एक प्रकार का फाइनेंस संस्थान हैं जिसमें प्रदेशिक और राष्ट्रीय सरकार के विभिन्न प्रकार के वित्तीय कार्यों को शामिल किया जाता है।
यह गवर्नमेंट की तरफ से किए जाने वाला आर्थिक प्रबंधन होता है जिसमें देश का बजट, सरकारी राजस्व, सार्वजनिक व्यय और भी अन्य चीजों को शामिल किया जाता है।
पब्लिक फाइनेंस के अंतर्गत गवर्नमेंट के द्वारा किए जाने वाला निवेश, रेवेन्यू कलेक्शन और पब्लिक एक्सपेंडिचर का प्रबंधन किया जाता है और इसमें सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वे आर्थिक सुरक्षा और विकास के लिए सही निवेश का प्रबंधन करें।
फाइनेंस का महत्व (Important of Finance in Hindi):
फाइनेंस का महत्व आज के समय में सभी क्षेत्रों में बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है अब ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं बचा है जिसमें पैसे का प्रयोग और उसका प्रबंधन नहीं किया जाता है।
इसके बिना कोई भी व्यवसाय संभव नहीं है क्योंकि व्यवसाय करने के लिए भी निवेश की जरूरत होती है चलिए समझते हैं कि फाइनेंस का महत्व आखिर किस प्रकार से है:
Business Development:
किसी भी बिजनेस को चलाने के लिए फाइनेंस की आवश्यकता होती है क्योंकि बिजनेस के लिए इन्वेस्टमेंट की जरूरत होती है जिससे कि मार्केट में नया प्रोडक्ट या फिर सर्विसेज लांच कर पाए और कंपनी को एक्सपेंड किया जा सके।
बिजनेस में फाइनेंस की मदद से इन्वेस्टमेंट के प्रोसेस बढ़ाया जा सकता है।
Investment:
इन्वेस्टमेंट के क्षेत्र में भी फाइनेंस का महत्व है, इन्वेस्टमेंट के अंतर्गत पैसों का सही से प्रबंधन किया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाया जा सके और पैसों का सही प्रबंधन चाहिए और पैसे की वैल्यू भी बढ़ जाती है।
Economic Growth:
अगर फाइनेंस को सही से प्रबंधन किया जाए तो हम आसानी से आर्थिक विकास को बढ़ा सकते हैं सही प्रबंधन से सरकार के द्वारा किया जाने वाला निवेश भी आर्थिक वृद्धि को बढ़ा देता है।
Personal Finance:
पर्सनल फाइनेंस का भी अपना एक महत्व है क्योंकि यह हमारे दैनिक दिनचर्या से जुड़ा हुआ रहता है और सही इन्वेस्टमेंट के साथ हमारे भविष्य के लिए पैसों का सही से प्रबंधन किया जा सकता है।
इसके साथ ही पर्सनल फाइनेंस की मदद से हम वित्तीय स्थिरता भी प्राप्त कर सकते हैं।
Risk Management:
फाइनेंस की सहायता से हम आसानी से रिस्क को मैनेज कर सकते हैं या फिर आने वाले जोखिमों को काफी हद तक कम कर सकते हैं साथ ही निवेश की प्रक्रिया को भी सुधार सकते हैं।
असल में देखा जाए तो फाइनेंस का महत्व सभी क्षेत्रों में है और इसके सही प्रबंधन से पैसों की कीमतों को बढ़ाया जा सकता है साथ ही आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता को भी प्राप्त किया जा सकता है।
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Finance Company Kya Hai:
फाइनेंस कंपनी एक प्रकार की आर्थिक सेवा प्रदान करने वाली कंपनी होती है जिसका मुख्य कार्य आर्थिक सुविधाओं की सेवा प्रदान करना होता है जैसे कि लोन, निवेश और प्रबंधन जैसे सेवा प्रदान करना है।
फाइनेंस कंपनी बहुत सारे सेवाएं प्रदान करती है जैसे कि व्यक्तिगत लोन देना, किसी बिजनेस के लिए लोन देना, क्रेडिट कार्ड, बीमा, निवेश सेवाएं, वित्तीय नियोजन सेवाएं और भी बहुत कुछ।
फाइनेंस कंपनी की कुछ प्रमुख विशेषताएं होती है:
- आर्थिक सुविधा की सेवा प्रदान करती है।
- लोन और क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं भी प्रदान करती है।
- आर्थिक समस्याओं के समाधान में सहायता प्रदान करती है।
- इन्वेस्टमेंट और फाइनेंसियल प्लानिंग की सुविधा प्रदान करती है।
Finance me Kya Kaam Hota Hai:
चलिए अब आपको बताते हैं कि फाइनेंस मे क्या काम होता है?
फाइनेंस एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक और वित्त से संबंधित अनेक कार्य किए जाते हैं जैसे कि:
आर्थिक प्रबंधन:
आर्थिक प्रबंधन का कार्य एक कंपनी है संगठन के पैसे का उपयोग करके इसका प्रबंधन किया जाता है जिसमें बजटिंग से लेकर एकाउंटिंग तक का कार्य को शामिल किया जाता है।
Investment Banking:
इन्वेस्टमेंट बैंकिंग सही तरह के निवेश के अवसरों को खोजना और उन्हें देना शामिल होता है, यह कार्य इन्वेस्टमेंट बैंकर एक कंपनी को उसके आर्थिक आर्थिक लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए सही निवेश के अवसर की सुविधा प्रदान करते हैं।
Financial Planning:
फाइनेंस के अंतर्गत फाइनेंसियल प्लानिंग करना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है, फाइनेंसियल प्लानिंग के अंतर्गत किसी व्यक्ति के भविष्य की वित्तीय लक्ष्यों और उद्देश्यों को सही समय तक फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स और सर्विसेस की सुविधा प्रदान करना होता है।
Insurance:
इंश्योरेंस का मुख्य कार्य आर्थिक सुरक्षा की सुविधा प्रदान करना होता है कोई भी कंपनी अपना आर्थिक सुरक्षा के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकता है जिससे कोई अन्य आर्थिक नुकसान होने पर उसे सुरक्षा मिल सके।
इन सभी कार्यों के अलावा फाइनेंस की दुनिया में और भी बहुत सारे कार्य होते हैं जैसे कि टैक्स की प्लानिंग करना, फाइनेंशियल एनालिसिस, क्रेडिट रेटिंग आदि।
Finance Kaise Sikhe:
फाइनेंस एक व्यापक और महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिसके अंतर्गत हमें फाइनेंस से संबंधित बहुत सारे सब्जेक्ट के बारे में अध्ययन करना होता है जैसे कि आर्थिक प्रबंधन, अकाउंटिंग, Investment, रिस्क मैनेजमेंट आदि।
आज के समय में फाइनेंस सीखने के कुछ तरीके हो सकते हैं जिन्हें हम आपको बताने वाले हैं और यह भी हो सकता है कि इन तरीकों के अलावा और भी कुछ तरीके हो जिन्हें आप खुद से ढूंढ सकते हैं या फिर एक्सप्लोरर सकते हैं।

Formal Education:
फाइनेंस की शिक्षा प्राप्त करने के लिए सबसे पहले आपको किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी से फाइनेंस की विषय में डिग्री या फिर डिप्लोमा प्राप्त करना होगा, फॉर्मल एजुकेशन की मदद से आपको फाइनेंस के सब्जेक्ट के बारे में गहराई से जानकारी प्राप्त होगी।
Self Study:
यदि आपके पास समय है और पैसे की कमी है और आप फॉर्मल एजुकेशन की तरफ नहीं जाना चाहते हैं तो आप self-study की मदद से भी फाइनेंस के बारे में सीख सकते हैं।
इसके लिए आपको फाइनेंस के बुक और ऑनलाइन कोर्स का सहारा लेना होगा।
Intership:
इंटर्नशिप की मदद से आप फाइनेंस का व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं यदि आपको किसी फाइनेंस कंपनी में इंटर्न का जॉब मिलता है तो आपको वहां से इसका प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस भी प्राप्त होगा।
Professional Certification:
आज के समय में किसी एक विषय पर प्रोफेशनल सर्टिफिकेट होना उस व्यक्ति का प्रमुख स्किल और नॉलेज को दर्शाता है, यह सर्टिफिकेशन CFA, CA, CFP जैसे प्रोफेशनल सर्टिफिकेट है।
Mentorship:
यदि आपको कोई ऐसा व्यक्ति मिलता है जो फाइनेंस की अच्छी खासी नॉलेज रखता है और उसका अनुभव भी अच्छा खासा हो और आपको एक मेंटर की तरह गाइड कर सके तो आपको इसका लाभ जरूर लेना चाहिए।
यह कुछ तरीके हैं जिसकी मदद से आप फाइनेंस सीख सकते हैं इसके अलावा आप फोरम वेबीनार, सेमिनार साथ ही साथ फाइनेंस से संबंधित ब्लॉग और न्यूज़लेटर की मदद से भी फाइनेंस की दुनिया से जुड़े रह सकते हैं ताकि आपको फाइनेंस से संबंधित सभी जानकारी मिलती रहे।
Self Financing Meaning in Hindi:
सेल्फ फाइनेंसिंग एक प्रकार का आर्थिक प्रबंधन होता है जिसमें एक व्यक्ति या संस्था अपने धन का उपयोग अपने प्रोजेक्ट या कार्यों को पूरा करने के लिए करता है।
यह आर्थिक प्रबंधन एक ऐसा मेथड होता है जिसमें किसी भी प्रकार की बाहरी या आंतरिक आर्थिक सहायता नहीं लिया जाता है।
सेल्फ फाइनेंसिंग दो प्रकार के होते हैं:
Equity Financing:
इसमें एक कंपनी के शेयरहोल्डर अपनी कंपनी के कार्यों और प्रोजेक्ट के लिए अपने ही पैसे का उपयोग करते हैं।
Debt Financing:
इसमें कंपनी लोन लेकर अपने कार्यों और प्रोजेक्ट को पूरा करती है।
Self Financing की कुछ प्रमुख विशेषताएं होती हैं:
- इसमें किसी भी प्रकार का बाहरी और आंतरिक आर्थिक सहायता नहीं लिया जाता है।
- इस प्रकार का आर्थिक प्रबंधन बहुत ही ज्यादा स्वतंत्र माना जाता है।
- इसमें किसी दूसरे व्यक्ति या कंपनी का कोई हिस्सा नहीं होता है।
- किसी भी प्रोजेक्ट के लिए खुद के धन का उपयोग किया जाता है।
Best Finance Book in Hindi:
फाइनेंस से सम्बन्धित कुछ बुक है, जिन्हें आपको जरुर पढना चाहिए:
- Rich Dad Poor Dad – रिच डैड पुअर डैड – Author: Robert T. Kiyosaki
- The Richest Man in Babylon – Babylon Ka Sabse Amir Aadmi – Author: George S. Clason
- Think and Grow Rich – Sochiye Aur Amir Baniye – Author: Napoleon Hill
- Secrets of the Millionaire Mind – सीक्रेट्स ऑफ़ द मिलियनेयर माइंड – Author: T. Harv Eker
- Money Master the Game – मनी मास्टर द गेम – Author: Tony Robbins
- Paise Se Paisa Kamana Sikhen – पैसे से पैसा कमाना सीखें / Money Wise – Author: Sharath Kamarraju
- The Rules of Wealth – Daulat Ke Niyam – Author: Richard Templar
- Rich Dad’s Guide to Investing – रिच डैड: गाइड टू इन्वेस्टिंग Author: Robert T. Kiyosaki
- Retire Young Retire Rich – रिटायर यंग रिटायर रिच Author: Robert T. Kiyosaki
- Cashflow Quadrant – कैशफ्लो क्वाड्रेंट Author: Robert T. Kiyosaki
Conclusion:
Finance का हमारे जीवन में बहुत ही ज्यादा महत्व है, क्योंकि इसी के वजह से आज हमारे बहुत सारे आर्थिक कार्य सम्भव हो पा रहे है, उम्मीद करते है कि आज हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल Finance Kya Hai, Types of Finance in Hindi समझ आया होगा.
अगर आपके मन इस विषय के प्रति कोई भी सवाल हो तो हमें comment box में लिखकर जरुर बताएं.
FAQ:
फाइनेंस का मतलब क्या होता है?
Finance का मतलब होता है वित्त यानी कि आर्थिक प्रबंधन और व्यवसाय की वित्त संबंधित गतिविधियां और इस शब्द का उपयोग बहुत सारे आर्थिक क्षेत्रों में होता है जैसे कि बैंकिंग के क्षेत्रों में, निवेश के क्षेत्रों में, बचत, बीमा, कर आदि क्षेत्रों में होता है।
फाइनेंस कितने प्रकार की होती है?
फाइनेंस तीन प्रकार के होते है:
Personal Finance
Corporate Finance
Public Finance
फाइनेंस में क्या काम है?
फाइनेंस एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर्थिक और वित्त से संबंधित अनेक कार्य किए जाते हैं जैसे कि: आर्थिक प्रबंधन का कार्य एक कंपनी है संगठन के पैसे का उपयोग करके इसका प्रबंधन किया जाता है जिसमें बजटिंग से लेकर एकाउंटिंग तक का कार्य को शामिल किया जाता है।
इन्वेस्टमेंट बैंकिंग सही तरह के निवेश की अवसरों को खोजना और उन्हें देना शामिल होता है, यह कार्य इन्वेस्टमेंट बैंकर एक कंपनी को उसके आर्थिक आर्थिक लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए सही निवेश के अवसर की सुविधा प्रदान करते हैं।
सबसे बड़ी फाइनेंस कंपनी कौन सी है?
सबसे बड़ी फाइनेंस कंपनी HDFC, Housing Development Finance Corporation की शुरुवात 1977 में Mr. H.T. Parekh ने किया था
माइक्रो फाइनेंस का जनक कौन है?
विजय महाजन को भारत में माइक्रोफाइनेंस का जनक कहा जाता है। वो बेसिक्स सोशल एंटरप्राइज ग्रुप के फाउंडर और CEO हैं। उनका जन्म 1954 में पुणे में हुआ था।
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