GDP Kya Hai Hindi Mein (सकल घरेलू उत्पाद)

इस आर्टिकल में आप सकल घरेलू उत्पाद यानी कि GDP Kya Hai Hindi Mein जानकारी देंगे:

Highlights:

  1. सकल घरेलू उत्पाद (GDP Kya Hai)
  2. सकल घरेलू उत्पाद की विशेषताएँ (Characterstics of GDP in Hindi)
  3. सकल घरेलू उत्पाद की धारणाएँ (Concept of GDP in Hindi)

सकल घरेलू उत्पाद (GDP Kya Hai Hindi Mein):

सकल घरेलू उत्पाद से अभिप्राय किसी देश में एक निश्चित समयावधि में (देश के निवासी अथवा अनिवासी द्वारा) उत्पादित अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्यों के योग से होता है।

अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्र, (जैसे— प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक) विभिन्न प्रकार की वस्तुओं एव सेवाओं के उत्पादन में लगे हुए होते हैं। इनके द्वारा उत्पादित अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य के योग को सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं।

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संक्षेप में,

एक देश की घरेलू सीमा में एक निश्चित अवधि में उत्पादित अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य के योग को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कहते हैं।

उत्पादित वस्तुएं एवं सेवाएं उपभोक्ता एवं पूँजीगत वस्तुओं व सेवाओं के रूप में हो सकती हैं।

उपभोक्ता एवं पूँजीगत वस्तुओं को टिकाऊ एवं गैर-टिकाऊ वस्तुओं के रूप में विभक्त किया जा सकता है। समस्त वस्तुओं का उत्पादन निजी तथा सार्वजनिक क्षेत्र
अथवा दोनों क्षेत्रों में हो सकता है।

जिन वस्तुओं व सेवाओं का उपयोग अन्तिम उपभोग के रूप में किया जाता है, उन्हें उपभोक्ता वस्तुओं व सेवाओं के रूप में तथा जिनका उपभोग उत्पादन प्रक्रिया के रूप में किया जाता है, उन्हें उत्पादक या पूँजीगत वस्तुओं व सेवाओं के रूप में जाना जाता है। अर्थात्

GDP = C+ I

यहाँ,

GDP = सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product)
C = उपभोक्ता वस्तुएँ एवं सेवाएँ (Consumption Goods and Services)

1 = पूँजीगत वस्तुएँ (Capital Goods) |

सकल घरेलू उत्पाद की विशेषताएँ (Characterstics of GDP in Hindi):

  1. ‘सकल’ शब्द इस तथ्य को संकेत करता है कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के मूल्य में घिसावट व्यय शामिल है।
  2. सकल घरेलू उत्पाद के मूल्य में दोहरी गणना से बचने के लिए केवल अन्तिम वस्तुओं व सेवाओं के मूल्य को ही जोड़ा जाता है।
  3. पुरानी वस्तुओं की बिक्री से प्राप्त राशि इसमें नहीं जोड़ी जाती। (iv) इसके मूल्य में स्व-उपभोग के लिए किया गया उत्पादन तथा खुद काबिज मकानों का आरोपित किराया शामिल होता है।
  4. सकल घरेलू उत्पाद देश की घरेलू सीमा से सम्बन्धित धारणा है, अतः इसमें विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय शामिल नहीं है।

आप. (b) पूँजीगत लाभ एवं (c) अवैधानिक क्रियाओं से प्राप्त आय।

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सकल घरेलू उत्पाद की धारणाएँ (Concept of GDP in Hindi):

सकल घरेलू उत्पाद (GDP Ki Avdharna) की तीन अवधारणाएँ हैं-

  1. बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product at Market Prices- GDP)
  2. साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product at Factor Cost)
  3. स्थिर कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product of Constant Prices)
  1. बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product at Market Prices- GDP):

यह एक देश की घरेलू सीमा में एक लेखा वर्ष में उत्पादित अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं का सकल मूल्य होता है। इसकी गणना करने के लिए उत्पादित वस्तुओं की मात्रा को उनकी कीमतों से गुणा कर दिया जाता है। अर्थात्-

GDPMP P, (Q) + P, (S)

GDPMP = बाजार कीमत पर सकल घरेलू उत्पाद

यहाँ

P – बाजार कीमत

Q = अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं की मात्रा

S= सेवाएँ

2. साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product at Factor Cost):

साधन लागत पर सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product at Factor Cost- GDP—जैसा कि हमें मालूम है कि उत्पादित वस्तुएँ एवं सेवाएँ उत्पादन के साधनों (भूमि, श्रम, पूँजी, उद्यम) का सामूहिक परिणाम होती हैं।

साधनों को उनकी उत्पादक सेवाओं के बदले प्राप्त होने वाले पुरस्कार को साधन-आय कहते हैं। ये साधन आय (लगान, मजदूरी, व्याज व लाभ) उत्पादकों (फर्मों) के लिए लागत होती हैं।

3. स्थिर कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product of Constant Prices):

सकल घरेलू उत्पाद के मूल्य की गणना स्थिर कीमतों के आधार पर भी की जा सकती है अर्थात् किसी एक आधार वर्ष के आधार पर इसकी गणना की जा सकती है।

इस प्रकार अनुमानित मूल्य को स्थिर कीमतों पर सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है। इसे वास्तविक घरेलू आय (Real Domestic Income) भी कहते हैं।

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