GST Kya Hai in Hindi: जीएसटी कि पूरी जानकारी वो भी आसान शब्दों में

नमस्कार दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल की मदद से बताएंगे की GST Kya Hai in Hindi, जीएसटी के प्रकार क्या है, जीएसटी के फायदे क्या है, GST Number Kya Hota Hai, और इस टॉपिक से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी देने की कोशिश करेंगे।

तो बिना किसी देरी के आज का यह आर्टिकल शुरू करते हैं, परंतु आर्टिकल शुरू करने से पहले आपको जीएसटी के बारे में गहराई से समझाने के लिए आपको एक कहानी बताते हैं:

एक बार की बात है एक सब्जी वाला था, जिसका नाम राजू था राजू हर दिन अपनी दुकान में बैठकर सब्जी बेचने का कार्य करता था एक दिन सरकार ने GST Tax लगाने का एलान कर दिया जिसकी वजह से सभी सामानों पर टैक्स देना पड़ता है।

अब इधर राजू को भी टैक्स देना पड़ेगा, परंतु राजू ने आज से पहले कभी भी टैक्स नहीं दिया था जिसकी वजह से उसने अपने दोस्तों से पूछा यार ये जीएसटी क्या होता है?

उसका दोस्त बोला जीएसटी का मतलब Good and Services Tax होता है यानी कि हर एक समान पर एक तरह का टैक्स लगेगा फिर चाहे वह खाने का सामान हो या किसी अन्य प्रकार के समान हो।

धीरे-धीरे राजू ने भी जीएसटी के बारे में समझना शुरू कर दिया और देश की आर्थिक तरक्की में सहयोग के लिए उसने भी जीएसटी देना प्रारंभ कर दिया।

इस कहानी की मदद से हमने जीएसटी के बारे में ऊपरी तौर पर जानकारी प्राप्त कर लिए चलिए अब आपको हम जीएसटी के बारे में पूरी जानकारी देते हैं।

GST Kya Hai in Hindi:

GST का अर्थ Good and Services Tax होता है, जिसे भारत सरकार के द्वारा लागू किया गया है। आपको बता दें कि हमारे देश में जीएसटी से पहले Business करने के लिए लोगों को विभिन्न प्रकार के टैक्स देने पड़ते थे।

जैसे कि VAT, Service Tax, Central Excise आदि सभी व्यापारियों को इन सभी टैक्स का भुगतान करना पड़ता था, परंतु जीएसटी के आने के बाद से इन सभी प्रकार के कर को एक ही में यानी कि जीएसटी में ही मिला दिया गया है जिससे टैक्स का भुगतान करने में काफी सुविधा मिल जाती है।

जीएसटी एक प्रकार का कर है जिसे उत्पादन और सेवा में लगाया जाता है।

GST को भारत सरकार के द्वारा 1 जुलाई 2017 को पूरे भारत देश में लागू करवाया गया था, आपको बता दें कि जीएसटी भी कर कहीं एक प्रकार है जो कि सभी व्यापारियों के द्वारा किए गए व्यापारिक गतिविधियों पर लगाया जाता है।

यह एक प्रकार का वित्तीय प्रणाली होता है जिसमें एक व्यापारी से दूसरे व्यापारी तक उपभोग किए जाने वाले माल, वस्तु या फिर सेवाओं के लिए जो कर लगाया जाता है वह अधिक से अधिक दो प्रकार के व्यापारियों तक पहुंचता है।

जीएसटी के लागू होने से देश के आर्थिक विकास और टैक्स में काफी सुविधा मिली और इसके साथ ही भुगतान की प्रक्रिया में भी काफी आसानी हो गई है।

जीएसटी के माध्यम से उत्पादों की कीमत पर दो प्रकार के Tax लगाए जाते हैं:

SGST: State Goods and Services Tax
CGST: Central Goods and Services Tax

और इसके साथ ही कुछ उत्पादों और सेवाओं पर IGST: Integrated Goods and Services Tax भी लगाया जाता है। जो देश के अंदर आने वाले उत्पादों और सेवाओं के साथ-साथ देश से बाहर जाने वाले उत्पादों और सेवाओं पर भी लगाया जाता है।

GST का फुल फॉर्म क्या है:

GST का फुल फॉर्म Goods and Services Tax है।

जीएसटी कि परिभाषा (GST Definition in Hindi):

GST प्रत्येक चरण में मूल्यवर्धन के साथ वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाने वाला कर है। इसमें उत्पादकों के साथ-साथ सेवा प्रदाताओं से लेकर खुदरा विक्रेताओं तक के लाभों की एक व्यापक और निरंतर श्रृंखला शामिल है। अंतिम उपभोक्ता कर वहन करता है।

मूल्यवर्धन के विभिन्न चरणों में इस प्रकार के कराधान के परिणामस्वरूप GST को मूल्य वर्धित कर कहा गया है। आसान शब्दों में GST एक अप्रत्यक्ष कर (या उपभोग कर) है जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है।

GST Kitne Prakar Ka Hota Hai:

GST मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:

  1. CGST (Central Goods and Services Tax)
  2. SGST (State Goods and Services Tax)
  3. IGST (Integrated Goods and Services Tax)
types of gst

CGST (Central Goods and Services Tax):

CGST को केंद्रीय सरकार के द्वारा लगाया जाता है जिसका उपयोग केंद्रीय शुल्क के रूप में उठाए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं पर लिया जाता है।

CGST का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय सरकार के द्वारा उठाए जाने वाले कर को प्रतिबंधित करना और उत्पादों और सेवाओं पर लगने वाले कर को सही तरह से मैनेज करना है।

जीएसटी के लागू होने पर उत्पादों और सेवाओं दोनों से वहां पर लगने वाले टैक्स के प्रकारों में काफी सुविधा मिलने लगी है और भुगतान की प्रक्रिया भी काफी आसान हो गई है।

CGST के वजह से देश के व्यापार में भी वृद्धि हुई है साथ ही अर्थव्यवस्था में भी काफी विकास हुआ है यह जीएसटी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

SGST (State Goods and Services Tax):

SGST को राज्य सरकार के द्वारा लगाया जाता है जिसका उपयोग राज्य शुल्क के रूप में उत्पादों और सेवाओं पर किया जाता है।

एसजीएसटी को राज्य सरकार के द्वारा लगाया जाता है, जिसका उपयोग राज्य के हित के लिए किया जाता है, SGST की राशि GST के लागू होने से पहले प्रत्येक राज्य के लिए अलग-अलग होती थी परंतु अब यह जीएसटी के अंतर्गत एक होने लगी है।

SGST के जरिए राज्य अपने क्षेत्रों में प्रदान करने वाले Goods and Services पर टैक्स लगाती है और इसकी राशि राज्य सरकार के द्वारा वसूली जाती है और यह राज्य के आर्थिक आय के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।

IGST (Integrated Goods and Services Tax):

IGST का फुल फॉर्म “Integrated Goods and Services Tax”. होता है, इसे भारत सरकार के द्वारा अलग अलग राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के मध्य goods and services के आदान-प्रदान के लिए लगाया गया है।

इस प्रकार के टैक्स के आने से टैक्स का स्ट्रक्चर बहुत ही ज्यादा आसान बन गया है और भारत के अलग अलग राज्य में व्यापार करने वाली कंपनियों के लिए टैक्स की प्रक्रिया को बहुत ही सरल बना दिया गया है।

IGST के Tax को सेंट्रल गवर्नमेंट के माध्यम से कलेक्ट किया जाता है और टैक्स भी सेंट्रल गवर्नमेंट और राज्य सरकार के मध्य समान रूप से वितरित किया जाता है।

IGST को भारत सरकार के द्वारा 2017 में Goods and Services Tax (GST) के साथ ही प्रतिपादित किया गया था, और इसका मुख्य उद्देश्य goods and services को अलग अलग राज्यों के बीच आदान-प्रदान होता है तो टैक्स सिर्फ एक ही बार लगाया जाए ताकि व्यापार पर एक से अधिक टैक्स का बोझ कम हो सके।

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GST Number Kya Hota Hai:

GST Number का मतलब Goods and Services Tax Identification Number (GSTIN) होता है, यह 15 अंकों का Unique Identification Number होता है जिसके माध्यम से Businesses को जीएसटी के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई किया जाता है।

जीएसटी नंबर किसी बिजनेस के नाम, राज्य, पैन कार्ड नंबर, रजिस्ट्रेशन नंबर के माध्यम से जनरेट किया जाता है। GSTIN Number के जरिए कोई भी बिजनेस अपनी GST Return File कर सकता है और इसके साथ ही वह अपने GST Tax Paid और Collected को भी ट्रैक कर सकता है।

सभी प्रकार के बिजनेस को जीएसटी रजिस्ट्रेशन या फिर GSTIN Number लेना अनिवार्य होता है यदि उनका सालाना टर्नओवर ₹20 लाख या उससे अधिक है इसके साथ ही कुछ राज्य के लिए यह टर्नओवर सालाना ₹10 लाख रुपये हैं।

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GST Number Kaise Le:

GST Number लेने के लिए आपको जीएसटी के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पूरा करना होगा और इस प्रक्रिया के लिए आपके पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट की डिटेल और Business Proof जैसी कुछ जरूरी डॉक्यूमेंट होना जरूरी है।

जीएसटी का नंबर आप ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों के माध्यम से ले सकते हैं परंतु आज के समय में ऑनलाइन प्रक्रिया को बहुत ही ज्यादा सुविधाजनक और समय की बचत माना जाता है इसलिए हम भी आपको ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से जीएसटी नंबर लेने के बारे में बताएंगे:

ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से जीएसटी नंबर लेने के कुछ प्रोसेस इस प्रकार से हैं:

  1. सबसे पहले तो आपको GST Portal में जाना पड़ेगा, अब इसके बाद यहां “Services” में Registration पर क्लिक करना होगा।
  2. रजिस्ट्रेशन में क्लिक करने के बाद New Registration पर क्लिक करें।
  3. अब इसके बाद आपको कुछ बेसिक जानकारी फील करनी होगी जैसे कि: Business Name, PAN Number, Email ID aur Mobile Number.
  4. इसके बाद आपको OTP Verification करना होगा, वेरीफिकेशन होने के बाद आपको एक Temporary Reference Number (TRN) जनरेट होगा, इस नंबर को आपको सेव करके रखना है।
  5. इसके बाद आपको “Login” वाले सेक्शन में TRN Number को Enter करके Continue करना होगा।
  6. आपको एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म मिलेगा जिसमें आपको अपने बिजनेस और बिजनेस के मालिक के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी।
  7. अब Form को सबमिट करने के बाद, आपको एक Application Reference Number (ARN) मिलेगा।
  8. ARN Number के साथ अपने बिजनेस की डिटेल के वेरिफिकेशन के लिए डॉक्यूमेंट को सबमिट करना होगा।
  9. इसके बाद GST Officer आपके डॉक्यूमेंट और सभी डिटेल्स को वेरीफाई करेंगे जिससे आपके बिजनेस का GSTIN Number जनरेट होगा।

जीएसटी सुविधा केंद्र (GST Suvidha Kendra Kya Hai):

GST Suvidha Kendra को भारत सरकार के द्वारा शुरू किया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य Goods and Services Tax (GST) के लिए रजिस्ट्रेशन करना, GST File Return करना और जीएसटी से जुड़ी विभिन्न प्रकार की जानकारी मुहैया कराना या उसी से जुड़ी विभिन्न प्रकार की समस्या का समाधान करना या अन्य सुविधाओं को प्रदान करने के लिए बनाया गया है।

इसे आप जीएसटी के लिए एक साथी के रूप में भी समझ सकते हैं जो अपने बिजनेस को जीएसटी के अनुसार चलाना चाहते हैं। इसके साथ ही यह भारत सरकार की GST Network (GSTN) का भी एक अहम हिस्सा है।

आपको बता दें कि जीएसटी केंद्र सरकारी और प्राइवेट दोनों प्रकार का हो सकता है, सरकारी जीएसटी सुविधा केंद्रों को GSTN के माध्यम से चलाया जाता है तो वही प्राइवेट GST सुविधा केंद्रों को GST सुविधा प्रोवाइडर्स (GSPs) के जरिए चलाया जाता है।

यह जीएसटी सुविधा केंद्र अपने कस्टमर्स विभिन्न प्रकार की जीएसटी सुविधा देने और उनकी समस्याओं के समाधान के बदले Fees लेते हैं।

इस प्रकार से GST Suvidha Kendra के माध्यम से रजिस्टर बिजनेस को जीएसटी से संबंधित विभिन्न प्रकार की सुविधा और सलाह प्रदान किया जाता है और उनके बिजनेस को जीएसटी के अनुरूप चलाने में मदद की जाती है।

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जीएसटी रिटर्न क्या होता है (GST Return Kya Hota Hai):

GST Return भारत सरकार के द्वारा Goods and Services Tax (GST) के लिए चलाई जाने वाली एक प्रकार की प्रक्रिया होती है जिसमें जीएसटी में Registered बिजनेस अपनी Sale, Purchase, Input Tax, Credit, Output Tax इत्यादि चीजों की जानकारी सरकार को देती है।

GST Return में अपनी जीएसटी ट्रांजैक्शन के बारे में भी जानकारी देती है ताकि सरकार उनके जीएसटी के कलेक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन को सही तरीके से ट्रैक कर पाये।

जीएसटी रिटर्न के माध्यम से भारत सरकार को प्रदान की जाने वाली जीएसटी एक महत्वपूर्ण जानकारियों का भंडार होता है जिसके आधार पर सरकार अपने जीएसटी के Revenue को ट्रैक करती है और जीएसटी से जुड़ी विभिन्न प्रकार की Policies and Regulations बनाती है।

किसी भी बिजनेस को जीएसटी रिटर्न फाइल करना अनिवार्य होता है और यह भारत सरकार के द्वारा चलाए जा रहे GSTN जीएसटी नेटवर्क के माध्यम से ऑनलाइन फाइल किया जा सकता है।

आपको बता दें कि जीएसटी रिटर्न फाइल करने की अलग-अलग फॉर्मेट और फ्रीक्वेंसी होती है, इस प्रकार से जीएसटी में रजिस्टर्ड बिजनेस अपनी ट्रांजैक्शन के बारे में सभी प्रकार की जानकारी जीएसटी रिटर्न फाइल के माध्यम से दे सकता है।

जीएसटी के फायदे (GST Ke Fayde):

GST Ke Fayde कुछ इस प्रकार से हैं:

  1. जीएसटी की वजह से हमारे देश में एक देश, एक टैक्स सिस्टम का कांसेप्ट लागू हुआ है जिससे देश के विभिन्न प्रकार के बिजनेस के लिए एक Unified Tax System बना हुआ है।
  2. जीएसटी के लागू होने से टैक्स की Liability कम हो गई है।
  3. जीएसटी में टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया बहुत ही सरल और आसान है जिससे कि व्यापारियों को अपनी टैक्स रिटर्न फाइल करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है।
  4. जीएसटी के आने से देश में Indirect Taxe System में ट्रांसपेरेंसी लाने का कार्य करता है।
  5. जीएसटी के लागू होने के बाद से देश में टैक्स के कलेक्शन की दर बढ़ गई है जिससे देश के आर्थिक विकास में काफी सहायता मिलती है।

इन सब फायदों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि जीएसटी के लागू होने से देश के आर्थिक विकास और बिजनेस को काफी सुविधाएं मिली है।

Conclusion:

इस प्रकार से आपने GST Kya Hai, GST Ke Prakar Kya, GST Number Kya Hota hai इत्यादि चीजों के बारे में आपने समझा।

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा यदि आपको जीएसटी के बारे में कोई भी जानकारी चाहिए तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

FAQ:

GST kitne prakar ki hoti hai           

GST मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:

1. CGST (Central Goods and Services Tax)
2. SGST (State Goods and Services Tax)
3. IGST (Integrated Goods and Services Tax)

GST Full Form in Hindi

GST Full Form in Hindi: वस्तु एवं सेवा कर

SGST Full Form in Hindi     

SGST Full Form in Hindi: SGST (State Goods and Services Tax)

GST कब से शुरू हुआ?

भारत में GST प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया.

GST करने वाला पहला देश कौन है?

GST करने वाला पहला देश फ्रांस है?

किस देश में जीएसटी नहीं है?

संयुक्त राज्य अमेरिका में GST नहीं है

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