आज हम आपको Macro Economics यानी कि समष्टि अर्थशास्त्र के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे:
- Macro Economics Kya Hai
- Definition of Macro Economics in Hindi
- Characteristies of Macro Economics in Hindi
- Macro Economics in Hindi
- Scope of Macro Economics in Hindi
(MACRO ECONOMICS) सन् 1929-30 की विश्वव्यापी आर्थिक मंदी की स्थिति और प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों के पूर्ण रोजगार के सिद्धान्त की असफलता के कारण प्रो. जे. एम. कीन्स ने ‘सामान्य सिद्धान्त’ की रचना की थी।
प्रो. कीन्स के अनुसार, “राष्ट्रीय तथा विश्वव्यापी आर्थिक समस्याओं का अध्ययन समष्टि अर्थशास्त्र के अन्तर्गत किया जाना चाहिए। इस प्रकार समष्टि अर्थशास्त्र में अर्थव्यवस्था का अध्ययन समग्र रूप से किया जाता है। उदाहरण के लिए, कुल राष्ट्रीय आय, कुल माँग, कुल पूर्ति, कुल बचत कुल विनियोग, पूर्ण रोजगार इत्यादि।
मैक्रो इकोनॉमिक्स क्या है (Macro Economics Kya Hai):
समष्टि अर्थशास्त्र, आर्थिक ज्ञान की वह शाखा है, जो सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था एवं अर्थव्यवस्था से संबंधित बड़े योगों व औसतों का, उनके व्यवहार एवं पारस्परिक संबंधों का अध्ययन करती है।
इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि । समष्टि अर्धशास्त्र विशिष्ट इकाइयों का अध्ययन न करके, सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के कुल योगों का अध्ययन करता है। अतः इसे कुल योग संबंधी अथवा सामूहिक अर्थशास्त्र भी कहते हैं।
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समष्टि अर्थशास्त्र की परिभाषा (Definition of Macro Economics in Hindi)
समष्टि अर्थशास्त्र के संबंध में विभिन्न अर्थशास्त्रियों के विचार निम्नानुसार हैं —
प्रो. बोल्डिंग के अनुसार, “समष्टि अर्थशास्त्र में व्यक्तिगत मात्राओं का अध्ययन नहीं किया जाता है, अपितु इन मात्राओं के योग का अध्ययन किया जाता है। इसका सम्बन्ध व्यक्तिगत आय से नहीं, बल्कि राष्ट्रीय आय से होता है, व्यक्तिगत कीमतों से नहीं, बल्कि सामान्य कीमत-स्तर से होता है तथा व्यक्तिगत उत्पादन से नहीं, बल्कि राष्ट्रीय उत्पादन से होता है।”
प्रो. चैम्बरलिन के शब्दों में, “समष्टि अर्थशास्त्र कुल सम्बन्धों की व्याख्या करता है। प्रो. शुल्ज के अनुसार, “समष्टि अर्थशास्त्र का मुख्य यंत्र राष्ट्रीय आय का अध्ययन करना है।
प्रो. गार्डनर एक्ले के शब्दों में, “समष्टि अर्थशास्त्र आर्थिक घटनाओं को व्यापक रूप से व्याख्या करता है, इसका सम्बन्ध आर्थिक जीवन के सम्पूर्ण पहलुओं से होता है। यह सम्पूर्ण आकार का व्यापक रूप में अध्ययन करता है। यह सम्पूर्ण जंगल का अध्ययन करता है न कि अलग-अलग पेड़ों का जिन्होंने जंगल का निर्माण किया है ।
उपर्युक्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि समष्टि अर्थशास्त्र में आर्थिक क्रियाओं एवं घटनाओं का सम्पूर्ण रूप में अध्ययन किया जाता है। कुल रोजगार तथा कुल आय का संबंध समष्टि अर्थशास्त्र का केन्द्रीय विषय है।
अतः इसे रोजगार सिद्धान्त एवं आय सिद्धान्त भी कहा जाता है। चूंकि समष्टि अर्थशास्त्र को प्रो. कौन्स नै विकसित किया, इसलिए इसे कीन्सियन अर्थशास्त्र के नाम से भी जाना जाता है।

Characteristies of Macro Economics in Hindi:
समष्टि अर्थशास्त्र की विशेषताएँ (Characteristies of Macro Economics) समष्टि अर्थशास्त्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- विस्तृत दृष्टिकोण समष्टि अर्थशास्त्र की धारणा विस्तृत है। इसमें छोटी-छोटी इकाइयों को महत्त्व नहीं दिया बल्कि इसकी सहायता मे राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक समस्याओं का हल निकाला जाता है। इस प्रकार समष्टि अर्थशास्त्र प्रावैगिक अर्थव्यवस्था के महत्व को स्वीकार करता है।
- स्लेषण अर्थशास्त्र में विस्तृत विश्लेषण को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है। उदाहरण के लिए, समष्टि अर्थशास्त्र के विषय क्षेत्र के अंतर्गत सरकार को मौद्रिक एवं राजस्व नीतियों के सामान्य प्रभावों का अध्ययन किया जाता है इस तथ्य को नजर अंदाज कर दिया जाता है कि इन नौतियों का व्यक्ति अथवा उद्योग विशेष पर क्या प्रभाव पड़ेगा? यदि सार्वजनिक आय तथा सार्वजनिक व्यय का परस्पर प्रभाव समाज पर अच्छा पड़ रहा है, तो निष्कर्ष के रूप में यह कहा जा सकता है कि समाज में रहने वाले व्यक्ति पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
- सामूहिक हितों पर बल समष्टि अर्थशास्त्र की तीसरी महत्वपूर्ण विशेषता सामूहिक 150 सर्वाधिक बल देना है। इसीलिए समष्टि अर्थशास्त्र व्यक्ति हित की तुलना में सामूहिक हितों को अधिक बल देता है।
- परस्पर निर्भरता व्यष्टि अर्थशास्त्र में संतुलन की दशा में हुए परिवर्तनों का प्रभाव अन्य इकाइयों पर नहीं पड़ता है, जबकि समष्टि अर्थशास्त्र में मात्राएँ इतनी अधिक होती हैं तथा ये एक-दूसरे से परस्पर इतने संबंधित होते हैं कि एक में परिवर्तन करने पर अन्य मात्राओं के संतुलन स्तर में भी परिवर्तन हो जाता है। 13
समष्टि अर्थशास्त्र का क्षेत्र (Scope of Macro Economics in Hindi):
समष्टि अर्थशास्त्र का क्षेत्र बहुत विस्तृत है। समष्टि अर्थशास्त्र के अंतर्गत सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के बड़े, समूहों, योगों तथा औसतों का अध्ययन किया जाता है।
आधुनिक आर्थिक विश्लेषण के अनेक सिद्धान्त जैसे- राष्ट्रीय आय, व्यापार चक्र के सिद्धान्त, सामान्य मूल्य-स्तर, मौद्रिक एवं बैंकिंग समस्याएँ अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार, विदेशी विनिमय, रोजगार सिद्धान्त आदि समष्टि अर्थशास्त्र के अध्ययन क्षेत्र में आते हैं।
समष्टि अर्थशास्त्र के अध्ययन क्षेत्र में निम्नांकित बातें मुख्य रूप से सम्मिलित होती हैं-
- आय तथा रोजगार स्तर का निर्धारण आय तथा रोजगार स्तर का निर्धारण समष्टि अर्थशास्त्र की मुख्य विषय सामग्री है। आय एवं रोजगार का स्तर प्रभावपूर्ण माँग पर निर्भर करता है। प्रभावपूर्ण माँग कुल व्यय (उपभोग व्यय, विनियोग व्यय एवं सरकारी व्यय) द्वारा निर्धारित होती है। प्रभावपूर्ण माँग में परिवर्तन अर्थव्यवस्था में तेजी-मंदी की दशाएँ उत्पन्न होकर आर्थिक अस्थिरता को जन्म देती हैं।
- सामान्य कीमत स्तर एवं स्फीति का विश्लेषण- मुद्रास्फीति के कारण उत्पन्न स्फीतिक कीमत वृद्धि वर्तमान विश्व की सबसे कष्टदायक आर्थिक बीमारी है। विकसित एवं अर्द्धविकसित दोनों ही तरह की अर्थव्यवस्थाएँ इससे पीड़ित हैं। प्रो. कीन्स के आर्थिक विश्लेषण के बाद स्फीतिक कीमत वृद्धि का अध्ययन समष्टि अर्थशास्त्र का महत्वपूर्ण अंग बन गया है।
इस आर्टिकल कि मदद से आपने समझा कि Macro Economics Kya Hai और इससे सम्बन्धित सभी प्रकार कि जानकारी आपको मिली होगी

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