Microfinance Kya Hai: माइक्रोफाइनेंस से जुडी सभी जानकारी

वैसे तो हम सभी बैंकिंग सेक्टर के फाइनेंस सुविधा के बारे में जानते ही हैं परंतु बैंकिंग या अन्य बड़े सेक्टर के फाइनेंस सुविधा का लाभ हर क्षेत्र का व्यक्ति नहीं ले सकता है।

अतः आज हम आपको माइक्रोफाइनेंस के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं जैसे कि माइक्रोफाइनेंस क्या है Microfinance Kya Hai, माइक्रोफाइनेंस कंपनी से लोन कैसे प्राप्त करें, माइक्रो फाइनेंस के लाभ क्या हो सकते हैं और भी अन्य चीजों के बारे में आपको इस आर्टिकल की मदद से बताएंगे।

तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।

Microfinance Kya Hai (माइक्रोफाइनेंस क्या है):

Microfinance एक प्रकार का फाइनेंशियल सर्विस है जोकि आर्थिक रूप से कमजोर और छोटे व्यवसाय को वित्तीय सहायता प्रदान करने में मदद करता है।

माइक्रोफाइनेंस की मदद से लोग अपने बचत को जमा करते हैं और लोन लेकर अपने बिजनेस की शुरुआत कर सकते हैं या फिर अपने बिजनेस का विस्तार करने में मदद ले सकते हैं।

माइक्रोफाइनेंस कंपनी आमतौर पर उन लोगों को टारगेट करती है जोकि ट्रेडिशनल बैंकों के लिए रिस्क या फिर उनके एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में नहीं होते हैं यानी कि इन लोगों के पास Traditional Collateral जैसे कि प्रॉपर्टी या assets नहीं होते हैं.

माइक्रोफाइनेंस संस्थान के माध्यम से उन्हें किफायती लोन और बचत के विकल्प अभी प्रदान किए जाते हैं ताकि उनके बिजनेस को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके।

माइक्रोफाइनेंस के माध्यम से लोगों को एक संभावना भी मिलती है कि वे अपने जीवन की शुरुआत एक नए तरीके से कर सके और अपने परिवार को सुखद जीवन व्यतीत करा सके।

Microfinance Meaning in Hindi:

माइक्रोफाइनेंस का हिंदी मतलब सूक्ष्म वित्तीय होता है। माइक्रोफाइनेंस आर्थिक रूप से कमजोर और छोटे व्यवसायियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में काफी मदद करता है।

माइक्रोफाइनेंस के जरिए लोग अपनी सेविंग को जमा करते हैं और लोन लेकर अपने बिजनेस की शुरुआत करते हैं या फिर अपने बिजनेस को एक्सपेंड करते हैं।

Microfinance in Hindi

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Microfinance Kaise Kaam Karta Hai:

माइक्रोफाइनेंस मुख्य रूप से दो वित्तीय सेवाओं पर केंद्रित होता है जो कि कुछ इस प्रकार से हैं:

1. Saving:

जैसा कि हमने आपको बताया कि माइक्रोफाइनेंस संस्थान सेविंग जैसे विकल्पों को प्रदान करने में सक्षम है जिससे excluded communities अपने सेविंग को सुरक्षित कर सकते हैं।

इसमें बचत के विकल्प आमतौर पर अन्य बैंकों की मुकाबलें उच्च ब्याज दरों पर उपलब्ध कराए जाते हैं। सेविंग में मिलने वाली विकल्पों की वजह से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को लंबे समय तक बचत का लाभ मिल पाता है।

जिसकी वजह से उनकी भविष्य की वित्तीय लक्ष्यों की उपलब्धि को पूरा करने में मदद मिल जाती है।

2. Credit:

जैसा कि हमने आपको बताया कि माइक्रोफाइनेंस संस्थान छोटे लोन देने का कार्य करती है जिसे हम माइक्रो क्रेडिट भी कहते हैं और इस तरह का loan आमतौर पर अल्पकालिक आधार पर दिए जाते हैं।

Micro Credit की ब्याज दरें आमतौर पर थोड़ी अधिक होती है परंतु पारंपरिक बैंकों की मुकाबले इन्हें अच्छा माना जाता है।

Microfinance ke Labh:

माइक्रोफाइनेंस के कुछ लाभ इस प्रकार से हैं:

  1. माइक्रोफाइनेंस की मदद से आर्थिक और कमजोर वर्गों के लोगों को loan मिलने में आसानी होती है।
  2. Microcredit और Saving के माध्यम से Business को विस्तारित करने में मदद मिलती है जिससे कि आय का स्तर बढ़ता है।
  3. माइक्रोफाइनेंस की वजह से महिला सशक्तिकरण एक महत्वपूर्ण साधन है क्योंकि इसकी वजह से महिलाएं भी वित्तीय स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बन पाती है।
  4. माइक्रोफाइनेंस के माध्यम से एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट को भी काफी प्रमोट किया जा सकता है।
  5. माइक्रोफाइनेंस की वजह से समाज और देश का आर्थिक गतिविधि बढ़ जाती है जिसकी वजह से आर्थिक विकास होने की संभावना प्रबल हो जाती है।

Microfinance ke Nuksan:

माइक्रोफाइनेंस के नुकसान कुछ इस प्रकार से हैं:

  1. माइक्रोफाइनेंस में माइक्रोक्रेडिट पर उच्च ब्याज दर पर loan दिया जाता है जिसकी वजह से यह एक महंगा विकल्प हो सकता हैं।
  2. माइक्रोफाइनेंस से लोग बहुत ही ज्यादा loan लेते हैं, अगर लोन नहीं चुका पाते तो उनकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती है।
  3. वित्तीय शिक्षा का अभाव होता है जिसकी वजह से ठीक से मार्गदर्शन नहीं मिल पाता है।
  4. माइक्रोफाइनेंस में विनियमन और Monitoring का प्रोसेस कमजोर हो सकता है।
  5. माइक्रोफाइनेंस के माध्यम से कई प्रकार के सामाजिक मुद्दे भी पैदा हो सकते हैं।

कुल मिलाकर देखा जाए तो माइक्रोफाइनेंस एक अच्छा वित्तीय समावेशन और आर्थिक विकास के लिए उपयोगी उपकरण हो सकता है परंतु इसमें मौजूद कुछ कमियां और चुनौतियों को भी दूर करना महत्वपूर्ण है।

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Top Microfinance Companies of India:

  1. Annapurna Microfinance Pvt. Ltd.
  2. Cashpor Micro Credit (CMC)
  3. Asirvad Microfinance Pvt Ltd.
  4. Disha Microfin Pvt Ltd.
  5. Bandhan Financial Services Pvt. Ltd.
  6. Equitas Microfinance Pvt Ltd.
  7. Spandana Sphoorty Financial Ltd.
  8. Asmitha Microfin Ltd.

Microfinance Se Loan Kaise Le:

Microfinance Se Loan लेने के कुछ तरीके होते हैं जो कि इस प्रकार से हैं:

Research:

सबसे पहले तो आपको अलग-अलग माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूट के बारे में रिसर्च करना होगा, आपको यह जानना होगा कि उनके ब्याज दर, लोन की शर्तें, पेमेंट का ऑप्शन क्या है और भी अन्य चीजों के बारे में अच्छे से जानकारी लेनी होगी।

Application Process:

माइक्रोफाइनेंस से लोन लेने के लिए आपको एक आवेदन की प्रक्रिया का पालन करना होता है यह प्रक्रिया अलग-अलग संस्थानों के लिए अलग अलग हो सकता हैं। 

परंतु आमतौर पर आपको एक आवेदन पत्र भरना होता है, जिसमें आपको अपने कुछ व्यक्तिगत जानकारी, व्यवसाय की जानकारी और इसके साथ ही loan Amount के बारे में भी जानकारी देनी होती है।

Document Submission:

माइक्रोफाइनेंस संस्थान में सामान्य तौर पर आपके पहचान प्रमाण पत्र, पता प्रमाण पत्र और जरूरत पड़ने पर व्यवसाय से संबंधित दस्तावेजों को मांग सकते हैं। 

आपको इन सभी दस्तावेजों को जमा करना होता है जिससे आपके लोन की प्रक्रिया पूरी हो सके।

Loan Approval:

इसके बाद माइक्रोफाइनेंस संस्थान आपके दस्तावेज और आवेदन को वेरीफाई करते हैं फिर आपका लोन स्वीकृत किया जाता है और यह Approval की प्रक्रिया आमतौर पर कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक हो सकता है।

Disbursement:

यदि आपका लोन स्वीकृत हो जाता है तो आपको लोन राशि प्राप्त करने के लिए disbursement process का पालन करना होगा आपको बता दें कि यह प्रक्रिया अलग-अलग संस्थानों के लिए अलग अलग हो सकती है।

माइक्रोफाइनेंस से लोन लेना एक विशिष्ट प्रक्रिया और सभी प्रकार की दिशा निर्देशों का पालन करना होता है तभी जाकर आपको लोन की राशि प्राप्त होती है।

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Conclusion:

आज आपने समझा कि Microfinance Kya Hai, माइक्रोफाइनेंस के लाभ क्या है इसके साथ ही इससे होने वाली हानि क्या है और माइक्रोफाइनेंस से आप लोन कैसे ले सकते हैं हमने यह भी समझा कि एक माइक्रो फाइनेंस कंपनी कैसे काम करती है।

उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा इस विषय से जुड़ी अगर आपके मन में कोई भी सवाल हो तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।

FAQ:

माइक्रोफाइनेंस कंपनी का जनक किसे कहा जाता है?

माइक्रोफाइनेंस कंपनी का जनक विजय महाजन को कहा जाता है।

भारत में माइक्रोफाइनेंस कंपनी की शुरुआत कब हुई?

भारत में माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की शुरुआत सन 1956 में हुई थी।

माइक्रोफाइनेंस कितने प्रकार का होता है?

माइक्रोफाइनेंस संस्थानों के प्रकार:

विलेज सेविंग एंड क्रेडिट एसोसिएशन
फाइनेंस कंपनियां
प्रत्ययी वित्तीय संस्थान।

माइक्रोफाइनेंस लोन क्या है?

माइक्रोफाइनेंस लोन एक प्रकार का वित्तीय सेवा है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है माइक्रोफाइनेंस लोन का मुख्य उद्देश्य गरीब लोगों को वित्तीय समावेशन की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद करना है।

यह संस्था आमतौर पर छोटे व्यवसायी, कारीगर वह अन्य आर्थिक रूप से कमजोर समुदाय को लोन देने का कार्य करती है और यह लोन सामान्य तौर पर छोटे रकम के होते हैं जिनका ब्याज दर भी अपेक्षाकृत कम होता है।

भारत में सबसे बड़ी माइक्रोफाइनेंस कंपनी कौन सी है?

भारत में सबसे बड़ी माइक्रोफाइनेंस कंपनी बंधन बैंक लिमिटेड है।

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