पिछले कुछ आर्टिकल में हमने Finance Kya Hai और Personal Finance के बारे में समझा.
तो आज हम फाइनेंस की इसी टॉपिक को आगे बढ़ाते हुए समझेंगे कि Public Finance Kya Hai, पब्लिक फाइनेंस का हमारे जीवन में क्या महत्व है पब्लिक फाइनेंस का मैनेजमेंट किस प्रकार से होता है, पब्लिक फाइनेंस का Scope क्या है.
इसके साथ ही पब्लिक फाइनेंस और प्राइवेट फाइनेंस के मध्य अंतर के बारे में भी समझेंगे।
तो बिना किसी देरी के आज का टॉपिक शुरू करते हैं।
Public Finance Kya Hai:
पब्लिक फाइनेंस एक ऐसी शाखा है जिसमें सरकार और उसके राजस्व का, व्यय के साथ-साथ उनकी आर्थिक नीतियों का अध्ययन किया जाता है।
पब्लिक फाइनेंस यानी कि लोक वित्त सरकार या अन्य प्रशासनिक संगठन के द्वारा किए जाने वाला प्रबंधन से संबंधित होता है पब्लिक फाइनेंस में सरकार के जरिए कई प्रकार के विकास कार्यक्रम के लिए आवश्यक धन व्यवस्था और उसका प्रबंधन किया जाता है।
जिसमें सरकार के द्वारा प्राप्त किए गए धन के खर्च और बचत करने की प्रक्रिया भी शामिल रहती है।
इसमें सरकार के रेवेन्यू सोर्स जैसे कि टैक्स, उपयोगकर्ता शुल्क अन्य प्रकार के शुल्क इत्यादि का मैनेजमेंट किया जाता है।
और सरकार के फाइनेंस के पैटर्न का भी अध्ययन किया जाता है जिसमें कई सारे डेवलपमेंट के कार्य भी शामिल होते हैं जैसे कि सामाजिक कल्याण योजनाएं, पब्लिक गुड्स, सड़कें, पुल, स्कूल, अस्पताल आदि।
फिसकल पॉलिसी पब्लिक फाइनेंस की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि में शामिल है जिसमें सरकार के रेवेन्यू और एक्सपेंडिचर के जरिए इकोनॉमिक ओवरऑल परफॉर्मेंस को रेगुलेट किया जाता है।
जिससे इकोनामिक ग्रोथ, इन्फ्लेशन और एंप्लॉयमेंट जैसे कई सारे फैक्टर्स पर प्रभाव पड़ता है।
पब्लिक फाइनेंस को मैनेज करने पर देश के आर्थिक विकास के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम होता है।
Public Finance Meaning in Hindi:
Public Finance का हिंदी अर्थ होता है लोक वित्त.
Important of Public Finance in Hindi:
Public Finance एक महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि यह सरकार के आर्थिक कार्यों को नियंत्रित करने का कार्य करती है और इसके साथ ही सरकारी खर्चों और निवेश के लिए सही वित्तीय व्यवस्था भी लागू करती है।
पब्लिक फाइनेंस सरकार की आर्थिक नीतियों को समझने और उनकी उपयोगिता के महत्व को समझने के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है इसके साथ ही यह देश के आर्थिक विकास के लिए भी बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है।
पब्लिक फाइनेंस का महत्व कुछ इस प्रकार से हम बता सकते हैं:
वित्तीय सुधार:
पब्लिक फाइनेंस की मदद से हम सरकार के वित्तीय सुधार को सही दिशा और वित्तीय नीतियों को बनाने में काफी मदद मिलती है।
आर्थिक विकास:
जैसा कि हमने आपको बताया पब्लिक फाइनेंस की सही उपयोगिता से देश का आर्थिक विकास में काफी मदद मिलती है, इससे सरकार के पास शुद्ध और सही तरीके के वित्तीय नीति होती है जिससे देश के आर्थिक विकास को संभालने में सहायता मिलती है।
वित्तीय नियंत्रण:
पब्लिक फाइनेंस के सही उपयोग से सरकार के वित्तीय नीतियों को नियंत्रित करने में भी सहायता मिलती है, इसकी मदद से वित्तीय उत्पादन और खपत को नियंत्रित रखते हैं जिससे देश की वित्तीय स्थिति को सुधारने में काफी मदद करती है।
सरकारी खर्च पर नियंत्रण:
पब्लिक फाइनेंस की सही उपयोग करने से सरकार अपने खर्चों को नियंत्रित कर सकती है और सही वित्तीय व्यवस्था के नियोजन से सरकार स्वयं अपने वित्तीय स्थिति को सुधार सकती है इसके साथ ही देश के डेवलपमेंट के लिए जरूरी खर्चों को भी कर सकती है।
निवेश:
पब्लिक फाइनेंस में निवेश की भूमिका भी बहुत अहम होती है क्योंकि किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए उसका सही जगह पर निवेश करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है।
इस प्रकार से पब्लिक फाइनेंस का देश के आर्थिक विकास और वित्तीय व्यवस्था के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है।
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Public Finance management system in Hindi:
Public finance management system (PFMS) एक प्रकार का डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसे भारत सरकार के द्वारा प्रतिबंधित किया जाता है और इसका उद्देश्य सरकारी धन की रक्षा, खर्च की मॉनिटरिंग और गवर्नमेंट स्कीम की मॉनिटरिंग करना है।
इस सिस्टम की मदद से सरकार धन रक्षा पॉलिसी को समर्थन और वित्तीय सुधार के विभिन्न कार्यों को प्रचार में लाने के लिए सहायता प्रदान करती है।
यह एक Centralized Fund Management System (CFMS) है और इसके साथ एक Direct Benefit Transfer (DBT) को भी शामिल किया गया है।
इसके अंतर्गत भारत सरकार अपने सभी वित्तीय कार्यों की निगरानी कर सकता है और साथ ही साथ DBT के माध्यम से सरकारी राशि सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं।
जिससे सरकार की राशि सीधे beneficiary के अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है और बीच में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आती है।
Public finance management system (PFMS) की मदद से सरकार के धन रक्षक पॉलिसी और सभी प्रकार के स्कीम को आसानी से लागू किया जा सकता है।
इसके साथ ही सभी सरकारी राशि को ऑनलाइन ट्रैकिंग भी कर सकते हैं, और इसकी मदद से फाइनेंशियल सिस्टम को enhance करने में काफी मदद मिलती है।
Scope of Public Finance in Hindi:
Public Finance का Scope सरकार और उसके द्वारा बनाए गए फाइनेंसियल कार्यों को समझने में काफी मदद करता है, यह बहुत सारे activities को कवर करता है जैसे कि:
Government Revenue:
सरकार के द्वारा उत्पन्न किए गए रेवेन्यू को पब्लिक फाइनेंस के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है, और यह गवर्नमेंट रिवेन्यू डायरेक्ट टैक्स, Indirect Taxes, fines, उपयोगकर्ता शुल्क या फिर penalties के रूप में हो सकती है।
Government Expenditure:
पब्लिक फाइनेंस का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र Government Expenditure यानी कि सरकारी खर्चे हैं, सरकार अपने बहुत सारे कार्य जैसे एजुकेशन, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस और पब्लिक सेफ्टी के लिए funds मुहैया करवाती है।
Government Borrowing:
पब्लिक फाइनेंस का अगला क्षेत्र Government Borrowing है, सरकार अपने fund को Borrow करके अपने activities को fund करते हैं।
Fiscal Policy:
Fiscal Policy भी पब्लिक फाइनेंस का एक महत्वपूर्ण अंग है, यह गवर्नमेंट का रेवेन्यू और एक्सपेंडिचर के जरिए आर्थिक गतिविधियों के Growth को रेगुलेट करता है।
Financial Management:
फाइनेंसियल मैनेजमेंट सरकार के Funds आसानी से मैनेज करने का हेल्प करता है। इसमें financial planning, accounting, auditing और monitoring को शामिल करता है।
Nature of Public Finance in Hindi:
पब्लिक फाइनेंस का नेचर सरकारी क्षेत्र में आने वाली अर्थव्यवस्था की प्रक्रिया को समझने और व्यवस्थित करने के लिए उपयोग किया जाता है और इसके साथ ही इसका मुख्य उद्देश्य देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और लोगों को संपन्न बनाने के लिए प्रयास करना है।
पब्लिक फाइनेंस का दो मुख्य क्षेत्र है:
- सरकारी व्यय
- सरकारी आय
सरकारी व्यय:
यह सरकार के द्वारा प्राप्त धन के व्यय को दर्शाता है, उदाहरण के लिए विफलता शुल्क, चालान शुल्क, सब्सिडी, पेंशन और अन्य प्रकार के व्यय को शामिल किया जाता है।
सरकारी आय:
यह सरकार के द्वारा प्राप्त किए गए धन को दर्शाता है, उदाहरण के लिए Tax, सहायता राशि, लाइसेंस शुल्क और अन्य प्रकार के आय को इसमें शामिल किया गया है।
पब्लिक फाइनेंस का नेचर भी देश के आर्थिक विकास पर सीधे तौर पर असर डालता है इसके साथ ही हमें इसमें सरकार के आर्थिक पॉलिसी, Budget, Revenue, एक्सपेंडिचर प्लानिंग इत्यादि फैक्टर्स को ध्यान में रखना पड़ता है।
सरकार के द्वारा उपयोग किए जाने वाले आर्थिक पॉलिसी की मदद से देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाया जा सकता है।
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Public Finance और Private Finance में क्या अंतर है?
Public Finance और Private Finance में कुछ अंतर होते हैं जोकि इस प्रकार से है:
Public Finance | Private Finance |
पब्लिक फाइनेंस सरकार के द्वारा उपयोग किए जाने वाला धन की व्यवस्था और नियंत्रण से संबंधित होता है। | प्राइवेट फाइनेंस सामान्य तौर पर किसी व्यक्ति या व्यवसाय के जरिए उपयोग किए जाने वाला धन की व्यवस्था या नियंत्रण से संबंधित होता है। |
पब्लिक फाइनेंस का उपयोग देश और समाज के हित को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। | जबकि प्राइवेट फाइनेंस में किसी व्यक्ति या व्यवसाय के लाभ को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। |
पब्लिक फाइनेंस का नियंत्रण सरकार के द्वारा किया जाता है। | जबकि प्राइवेट फाइनेंस का नियंत्रण व्यक्ति या व्यवसाय के माध्यम से होता है। |
पब्लिक फाइनेंस में रिस्क होने की संभावना कम होती है क्योंकि इसमें सरकार के द्वारा पैसा सिक्योर होता है। | प्राइवेट फाइनेंस में रिस्क थोड़ा अधिक होता है, क्योंकि यह व्यक्ति या व्यवसाय का पैसा रिस्क के साथ जुड़ा हुआ रहता है। |
पब्लिक फाइनेंस के मुख्य स्रोत सरकारी धन होता है। | जबकि प्राइवेट फाइनेंस का मुख्य स्रोत व्यक्ति या व्यवसाय का धन होता है। |
Conclusion:
इस तरह हमने समझा कि Public Finance का हमारे समाज और देश की अर्थव्यवस्था के लिए कितना महत्वपूर्ण है, उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा अगर आपके मन में इस विषय के प्रति कोई भी सवाल है तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।

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