RTGS Kya Hai, Full Form in Hindi

नमस्कार, आज हम आपको इस आर्टिकल कि मदद से बतायेंगे कि RTGS Kya Hai (RTGS क्या है), और इससे सम्बन्धित सभी प्रकार कि जानकारी देंगे:

Highlights:

  1. RTGS Kya Hai आरटीजीएस क्या है
  2. RTGS Meaning in Hindi
  3. RTGS Full Form in Hindi
  4. RTGS कि विशेषताएं – Featuers of RTGS
  5. RTGS Transactions के Fees और Charges क्या है

RTGS Kya Hai (आरटीजीएस क्या है):

RTGS एक ऐसी पद्धति है, जिसमे हम एक बैंक से दूसरे बैंक में फण्ड Transfer कर सकते है और इसके साथ ही इसके अन्तर्गत ‘Real Time’ व ‘Gross’ आधार पर फण्ड का transfer किया जाता है |

जहाँ Real Time में Transfer का मतलब होता है कि बिना किसी देरी के यानी कि फण्ड के बिना इंतजार किये ठीक उसी समय Transfer कर दिया जाएँ इससे एक बैंक दूसरे बैंक को सन्देश भी भेजता है।

इसी के साथ ‘Gross” का अर्थ है कि व्यवहारों को एक के बाद एक लगातार निपटाया जाता है, और इसमें व्यवहारों को एकत्र करके रखा नही जाता है |

दुसरे शब्दों में कहाँ जाएँ तो सभी व्यवहारों को समूह यानी कि Batches में नहीं मिप्ताया जाता है बल्कि इसकी जगह एक एक करके स्वतन्त्र रूप से निपटाया जाता है।

आपको बता दे कि यह Fund Transfer करने वाली बैंकिंग चैनल कि सबसे तेज पद्धति में से एक है। RBI के अनुसार RTGS कि सेवा बैंकों में Monday To Friday सुबह 9 बजे से शाम 4:30 बजे तक और Saturday को सुबह 9 बजे से दोपहर 1.30 तक किया जाता है |

RTGS Meaning in Hindi:

RTGS यानी कि Real Time Gross Settlement यह एक ऐसा माध्यम है जिसके अंर्तगत एक bank से दुसरे bank में राशि का स्थानांतरण की सुविधा प्रदान करता है और साथ ही राशि भी तुरंत स्थानांतरित हो जाती है |

RTGS एक प्रकार का नेटवर्क है, जो कि Bank को सुरक्षित समय पर बिना कोई समय की सीमा के साथ राशि स्थानांतरण की सुविधा प्रदान करता है।

यह भारत के दुकानदारों, कंपनियों, सरकारी क्षेत्र से सम्बंधित कोर्स और संस्थानों को बैंक स्थानांतरण की सुविधा प्रदान करती है। इससे बैंक को समय की सीमा के बिना बैंक स्थानांतरण करने की सुविधा मिलती है।

RTGS Full Form in Hindi:

RTGS का Full Form Real Time Gross Settlement (रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट).

RTGS कि विशेषताएं – Featuers of RTGS:

  1. RTGS कि सुविधा केवल और केवल कोर बैंकिंग सोल्यूशन Core Banking Solution-CBS वाले बैंक ब्रांच में ही उपलब्ध हो सकती है।
  2. RTGS के व्यवहार समूहों यानी कि Batches में न होकर काम के घण्टों के दौरान लगातार चलते रहते हैं।
  3. RTGS व्यवहारों के लिए अपने bank ग्राहकों से कुछ फीस लेता है जो कि अलग अलग अलग बैंकों के अलग अलग हो सकते है |
  4. RTGS व्यवहारों कि न्यूनतम राशि सीमा ₹2 लाख रूपये है, परन्तु अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं है।
  5. यह Fund Transfer करने वाली बैंकिंग चैनल कि सबसे तेज पद्धति में से एक है।

RTGS Transactions के Fees और Charges क्या है:

आपको बता दे कि इस प्रक्रिया में भी जिस Bank को पैसे भेजे जाते है उन्हें कोई Charges नही देना होता है, परन्तु जो Bank पैसे भेजता है उन्हें charges देना पड़ता है और ये charges कुछ इस प्रकार है:

AmountRTGS Fee
Rs.2 lakh से Rs.5 lakh तकRs.30 per transaction
Above Rs.5 lakh तकRs.55 per transaction
Conclusion:

आपने समझा कि RTGS Kya Hai in Hindi, उम्मीद करते है कि इससे सम्बन्धित जानकारी आपको समझ आई होगी |

FAQ:

RTGS क्या होता है और कैसे काम करता है?

RTGS एक ऐसी पद्धति है, जिसमे हम एक बैंक से दूसरे बैंक में फण्ड Transfer कर सकते है और इसके साथ ही इसके अन्तर्गत ‘Real Time’ व ‘Gross’ आधार पर फण्ड का transfer किया जाता है |

RTGS एक प्रकार का नेटवर्क है, जो कि Bank को सुरक्षित समय पर बिना कोई समय की सीमा के साथ राशि स्थानांतरण की सुविधा प्रदान करता है।

यह भारत के दुकानदारों, कंपनियों, सरकारी क्षेत्र से सम्बंधित कोर्स और संस्थानों को बैंक स्थानांतरण की सुविधा प्रदान करती है। इससे बैंक को समय की सीमा के बिना बैंक स्थानांतरण करने की सुविधा मिलती है।

RTGS से कितना पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं?

जैसे कि हमने आपको बताया कि RTGS के माध्यम से आप एक में कम से कम 2 लाख रुपये Transfer कर सकते है तो अधिकतम राशि अलग-अलग बैंकों कि अलग-अलग होती है | उदहारण के लिए SBI में RTGS के माध्यम से अधिकतम राशि कि कोई limit नहीं है

RTGS में कितना समय लगता है?

RTGS रियल टाइम ट्रांसजैक्शन Method पर कार्य करता है जिसमे, Transaction तुरंत होता है, परन्तु अगर किसी कारण से यह Transaction नही हो पाता है तो जिस बैंक को पैसे दिए गए थे उड़े वापस उसी भेजने वाले के खाते में पैसे लौटा दिया जाता है |

आरटीजीएस के नुकसान या सीमाएं क्या हैं?

अन्य Banking प्रणाली कि तरह इसमें भी कुछ कमियां है जैसे कि RTGS के जरिये अपने ग्राहकों के लेन-देन Transaction को ट्रैक नहीं किया जा सकता है, योंकि इसमें केवल केंद्रीय बैंक द्वारा सकारात्मक पुष्टि सुविधा लागू होती है |

भारत में RTGS की शुरुआत कब हुई?

भारत में RTGS को 16 मार्च 2004 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा पेश किया गया था, परन्तु RBI ने अपने ग्राहकों के लेनदेन को सेटलमेंट करने के लिए RTGS को सभी के लिए लागू कर दिया, अभी इस service के जरिये 237 बैंक जुड़ चुके है |

RTGS और NEFT में क्या अंतर हैं?

Difference between RTGS and NEFT – RTGS तथा NEFT में मुख्य अंतर:

1. आरटीजीएस के माध्यम से व्यवहारों को पूरे दिन तक लगातार निपटाया जाता है, परन्तु NEFT में व्यवहारों को समूहों यानी कि Batches के रूप में निपटाया जाता है।

2. आरटीजीएस Transaction की न्यूनतम राशि ₹2 लाख रूपये है, तो वही NEFT कि Transaction की न्यूनतम राशि सीमा नहीं है |

आरटीजीएस नंबर कितने अंकों का होता है?

RTGS के लिए 22 अंकों का यूटीआर नंबर जारी किया जाता है |

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