वैसे तो हम सभी जानते हैं कि कंपनी क्या होती है परंतु अगर आप नहीं जानते तो हमने इसके ऊपर भी एक डिटेल आर्टिकल लिखा हुआ है जिसे आप पढ़ कर जान सकते हैं कि कंपनी क्या है और इसके बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं।
आज का विषय बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि यह विषय आजकल के युवाओं के लिए बहुत ही ज्यादा प्रेरणा और उनके भविष्य के लिए कारगर साबित हो रहा है और युवाओं को भी करियर की यह दिशा बहुत ही ज्यादा पसंद आ रही है।
तो आज हम जिस विषय पर बात करने वाले हैं उस विषय का नाम है स्टार्टअप क्या है Startup Kya Hai और स्टार्टअप किस तरीके से कार्य करता है? तो चलिए बिना किसी देरी के इस विषय के बारे में आपको जानकारी देते हैं।
Start Up Kya Hai ( स्टार्टअप क्या है):
Startup एक ऐसा Business Model होता है जिसे शुरू करने के लिए कम से कम पैसों की जरूरत होती है और इसका मुख्य उद्देश्य नया और Innovative Products या फिर Service को लॉन्च करके जल्दी से जल्दी अपने बिजनेस को Growth करना होता है।
अगर देखा जाए तो Startup Typically एक ऐसी कंपनी होती है जो अपने नए और Creative Business Model और Innovative Technology या Service का उपयोग करके किसी मार्केट या इंडस्ट्री में नए तरह के डिवाइस या सामान को देने के लिए शुरू की जाती है।
एक सक्सेसफुल स्टार्टअप की पहचान है कि वह अपने बिजनेस को तेजी से बढ़ाता है और अपने प्रोडक्ट या सर्विस को लोगों के बीच कामयाबी के साथ पेश करता है इसके लिए स्टार्टअप में समय, पैसा, मेन-पावर और कड़ी मेहनत की भी जरूरत होती है।
बहुत सारे Startup Companies अपनी Seed Funding या Venture Capital जैसे साधनों से पैसा प्राप्त करते हैं ताकि उनके Business को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके।
आपको बता दें कि स्टार्टअप कोई भी शुरू कर सकता है फिर चाहे वह इकलौता इंसान हो या फिर कुछ दोस्त मिलकर इसकी शुरुआत कर सकते हैं, स्टार्टअप में सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट होता है कि सामने वाले का बिजनेस मॉडल क्या है ?
स्टार्टअप के लिए जो आईडिया होता है उसका Proof of Concept होना जरूरी है यानी कि उस आइडिया को प्रैक्टिकल तौर पर इंप्लीमेंट किया जा सके।
एक स्टार्टअप में कुछ यूनिक और अलग चीजें होती है जिसकी वजह से यह दूसरे बिजनेस से अलग होती है और यह अलग चीजें इस प्रकार से हैं:
Innovation:
स्टार्टअप की सबसे पहली चीज जो है वह इनोवेशन है, Startup Typically नए और Innovative Business Model या फिर Technology का उपयोग करते हैं जोकि इसे अपने कंपीटीटर से अलग बनाती है।
Risk Taking:
स्टार्टअप के फाउंडर Usually देखा जाए तो रिस्क लेने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं क्योंकि स्टार्टअप की शुरुआत में सफलता की गारंटी काफी कम होती है लेकिन फिर भी फाउंडर अपने आइडिया को implement करने में लगे रहते हैं।
Speed:
एक स्टार्टअप बहुत ही तेज गति से ग्रोथ कर सकता है, उन्हें जल्दी से जल्दी मार्केट में अपना प्रोडक्ट या सर्विस लॉन्च करना होता है ताकि स्टार्टअप जल्दी से जल्दी कामयाबी मिल सके।
Flexibility:
Startup Typically अपने बिजनेस मॉडल और प्रोडक्ट को चेंज करने के लिए बहुत ही ज्यादा फ्लैक्सिबल होते हैं, जब तक वह अपने कस्टमर और मार्केट की डिमांड के मुताबिक अपने बिजनेस को adjust नहीं करते तब तक वे कामयाबी नहीं पा सकते हैं।
Collaboration:
स्टार्टअप आमतौर पर टीम वर्क के साथ काम करता है फिर चाहे वह छोटी टीम के साथ शुरुआत करना हो या फिर आगे बढ़ कर विशेषज्ञताओं के साथ मिलकर अपने हिसाब के साथ काम करना हो।
Funding:
स्टार्टअप आमतौर पर Seed Funding और Venture Capital जैसे साधनों की मदद से पैसा प्राप्त करते हैं ताकि वह अपने बिजनेस को आगे बढ़ा सके।
Disruptive:
यह एक प्रकार से Disruptive भी होते हैं मतलब की existing market या industry में अपने नए प्रोडक्ट या सर्विस की मदद से existing players को काफी परेशान कर सकते हैं।
Startup Culture Kya Hai:
Startup Culture का मतलब एक ऐसा इन्वायरमेंट या कल्चर से हैं, जहां स्टार्टअप अपने creative, innovation, risk-taking और team work को प्रमोट किया जाता है।
स्टार्टअप में काफी फ्लैक्सिबिलिटी होती है जहां entrepreneur अपने ideas को implement करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
स्टार्टअप कल्चर को स्टार्टअप कंपनी के साथ जोड़कर देखा जाता है क्योंकि यह कल्चर कुछ वैल्यू, प्रैक्टिसेज और एटीट्यूड को describe करता है।
स्टार्टअप कल्चर को traditional corporate के विकल्प के रूप में भी देखा जाता है जोकि ब्यूरोक्रेटिक और काफी स्लो होते हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो स्टार्टअप कल्चर उन लोगों को काफी आकर्षित करता है जो चैलेंजिंग और Rewarding कैरियर की तलाश करते हैं।
यह कल्चर innovation, collaboration और growth को काफी Promote करता है।
Startup India Kya Hai:
Startup India भारत सरकार की पहल है जिसे 16 जनवरी 2016 को लांच किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना है।
स्टार्टअप इंडिया अभियान में स्टार्टअप को फंडिंग, मेंटरशिप, नेटवर्किंग और अन्य प्रकार की संसाधनों की सुविधा प्रदान करता है जिससे कि उन्हें अपने Business को आगे बढ़ाने में मदद मिल सके।
इसके साथ ही स्टार्टअप को रजिस्टर, Patent को रजिस्टर, IPR (Intellectual Property Rights) Protection और Funding जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं।
स्टार्टअप इंडिया के अंतर्गत स्टार्टअप इंडिया हब को भी लॉन्च किया गया था जो कि एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जिससे स्टार्टअप को सपोर्ट और संसाधनों के लिए कनेक्ट किया जा सकता है।
स्टार्टअप इंडिया ऐसे स्टार्टअप को प्रोत्साहित करता है जो कि इनोवेटिव आइडिया के साथ अपने बिजनेस की शुरुआत करना चाहते हैं यह पहल भारत को स्टार्टअप इकोनॉमिक्स के लिए एक supportive और अनुकूल माहौल देने में काफी मदद करता है।
Startup के लिए योजनाएं:
Startup India के अंतर्गत कई सारी योजनाएं और इनीशिएटिव लांच किए गए हैं जोकि एक Entrepreneur और स्टार्टअप को काफी सपोर्ट करते हैं, इनमें कुछ लोकप्रिय स्टार्टअप इंडिया योजनाएं इस प्रकार से हैं:
Startup India Seed Fund Scheme:
इस स्कीम के अंतर्गत पात्र हुए स्टार्टअप को सीड फंडिंग के रूप में ₹20 लाख रुपए प्रदान की जाती है, इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप के प्रारंभिक अवस्था में वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
Atal Innovation Mission (AIM):
AIM भारत सरकार की एक पहल है जोकि इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को प्रमोट करता है इसके तहत स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और रिसर्च इंस्टीट्यूट में इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए प्रोग्राम, फंड और संसाधन मुहैया कराया जाता है।
Grand Challenge Programs:
स्टार्टअप इंडिया के तहत ग्रैंड चैलेंज प्रोग्राम को भी लॉन्च किया गया है यह प्रोग्राम विशिष्ट प्रकार की चुनौतियों को हल करने के लिए स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योर को प्रोत्साहित करते हैं और इसके बदले विजेताओं को नकद पुरस्कार, फंडिंग और अन्य प्रकार के लाभ प्रदान किए जाते हैं।
Startup India Learning Program:
इस पहल के तहत स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योर के लिए एक ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया है जिसकी मदद से वे बिजनेस डेवलपमेंट, financial management, legal compliance, marketing और भी अन्य प्रकार के टॉपिक के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है।
Credit Guarantee Fund Trust for Micro and Small Entreprises (CGTMSE):
इस योजना के तहत सभी बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से छोटे और लघु उद्यमों को loan प्रदान करने में सहायता प्रदान की जाती है।
चलिए अब हम आपको बताते हैं कि आप भी अपना स्टार्टअप कैसे शुरू कर सकते हैं?
Startup Kaise Shuru Karen:
स्टार्टअप शुरू करने की कुछ प्रोसेस होते हैं जो कि इस प्रकार से हैं:

Innovative Ideas:
स्टार्टअप शुरू करने के लिए सबसे पहले तो आपको एक इन्नोवेटिव आइडिया चाहिए, और इस इन्नोवेटिव आइडिया के लिए आपको रिसर्च करना होगा कि आपका यह आईडिया मार्केट में कितना पोटेंशियल है, टारगेट ऑडियंस कौन सी है, उनकी जरूरत क्या है और आपके कंपीटीटर कौन है
Develop Business Plan:
इसके बाद आपको एक बिजनेस प्लान डिवेलप करना होगा और किसी भी स्टार्टअप के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है क्योंकि इसमें आपको अपने बिजनेस के उद्देश्य, रेवेन्यू मॉडल, टारगेट ऑडियंस, कस्टमर, कंपीटीटर्स, फाइनेंसियल मैनेजमेंट और अन्य चीजों का समावेश रहेगा।
Funding Sources:
अब इसके बाद स्टार्टअप को शुरू करने के लिए Fund की आवश्यकता होती है इसके लिए आपको फंडिंग के सोर्स को एक्सप्लोर करना होगा। Funds की जरूरत के हिसाब से Seed Funding, Angel Investment और Venture Capital जैसे सोर्स से आपको मदद मिल सकती है।
Legal Structure:
स्टार्टअप को शुरू करने के लिए आपको लीगल स्ट्रक्चर को डिसाइड करना होगा, आपको स्टार्टअप के लायबिलिटीज टैक्स के बारे में जानकारी होना चाहिए इसके लिए आपको अपने स्टार्टअप के नेचर और साइज के बारे में मालूम होना जरूरी है।
Co-founder and Team:
स्टार्टअप के लिए को-फाउंडर और टीम मेंबर्स का होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है क्योंकि इसके बिना आप ज्यादा दिनों तक आगे नहीं बढ़ सकते हैं, एक अच्छे टीम का गठन करने के लिए आपको उनके अंदर पहले उनके कौशल, अनुभव और उनके कार्यों को देखना होगा।
Develop Product and Service:
अपने प्रोडक्ट या सर्विस को स्टार्टअप के लिए डेवलप करना बहुत ही ज्यादा जरूरी है, इसमें आपको कस्टमर फीडबैक का इस्तेमाल करना होगा ताकि आपका प्रोडक्ट या सर्विस मार्केट में यूनिक बन सके।
Sales and Marketing Strategy:
Sales and Marketing Strategy को डेवलप करना भी स्टार्टअप के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है, अपने प्रोडक्ट या सर्विस को अपने टारगेट ऑडियंस तक पहुंचाना चाहते हैं तो आज के समय में सोशल मीडिया, SEO, Content Marketing, Email Marketing जैसी अन्य Strategies का उपयोग करना होगा।
Overall देखा जाए तो आप इन सब तरीकों की मदद से अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं।
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Startup Ke Liye Funding Kaise Karen:
Startup Ke Liye Funding पाना काफी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि शुरुआती समय में बहुत सारे संसाधनों की आवश्यकता होती है जैसे कि ऑफिस स्पेस, उपकरण, ऑफिस स्टाफ, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, marketing जैसे अन्य चीजों के लिए फंड की आवश्यकता होती है।
तो आपको यहां फंड के लिए कुछ विकल्प दिए गए हैं जिन पर आप विचार कर सकते हैं:
Bootstrapping:
यह फंडिंग ऑप्शन अपने ही स्टार्टअप को फंड करने का एक तरीका होता है अगर आप अपने स्टार्टअप के लिए पैसा जमा कर सकते हैं तो यह आपके लिए एक अच्छा विकल्प होगा।
Friends and Family:
आज के समय में स्टार्टअप शुरू करने के लिए आप अपने फ्रेंड्स और फैमिली से भी लोन ले सकते हैं यह भी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है अगर आप इसके लिए एक एग्रीमेंट भी बनाना चाहते हैं तो भी यह कर सकते हैं बस इसके लिए आपको एक एग्रीमेंट बनाकर डील फाइनल करनी होगी।
Angel Investment:
एंजल इन्वेस्टर जैसे कि हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल, एंटरप्रेन्योर्स और Venture Capitalists आपके स्टार्टअप में इन्वेस्ट करते हैं बस इसके लिए आपको इन्हें अपना पिच और बिजनेस प्लान तैयार करके एंजल इन्वेस्टर के पास स्टार्टअप फंडिंग के लिए पिच करना होगा।
Venture Capital:
वेंचर कैपिटल funds अपने इन्वेस्टर के पैसों का कलेक्शन करते हैं और उन पैसों को उनके फंड में निवेश करते हैं, वेंचर कैपिटल फर्म, स्टार्टअप को fund प्रदान करते हैं और इसके लिए भी आपको इन्हें अपना पिच और बिजनेस प्लान तैयार करके बताना होगा।
Crowdfunding:
इसके लिए आपको अपना बिजनेस आइडिया तैयार करके ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म जैसे कि Kickstarter और Indiegogo से फंड जुटा सकते हैं इसके लिए आपको अपना पिच और बिजनेस प्लान तैयार करना होगा और इन्वेस्टर के पास अपना बिजनेस आइडिया पेश करना होगा, अगर आपका बिजनेस आइडिया काफी अच्छा होता है तो आपके स्टार्टअप के लिए फंडिंग मिल जाएगी।
Bank Loan:
बैंक से लोन लेना भी एक विकल्प हो सकता है, बैंक से लोन लेने के लिए आपको अपना इन्नोवेटिव बिजनेस आइडिया और बिजनेस प्लान तैयार करना होगा और बैंक के पास जाकर उन्हें बताना होगा कि कैसे आप का बिज़नेस प्लान प्रॉफिटेबल है और लोन के लिए एलिजिबल है।
यदि बैंक वालों को आपका बिजनेस आइडिया और प्लान पसंद आता है तो बैंक की तरफ से आपके स्टार्टअप के लिए लोन मिल जाएगा।
भले ही स्टार्टअप के लिए फंडिंग पाना कठिन हो सकता है परंतु एक अच्छी सी पिच और एक अच्छा सा इन्नोवेटिव बिजनेस आइडिया से इन्वेस्टर्स को मनाना मुश्किल नहीं होता है।
Top Startup Companies of India:
भारत कि कुछ टॉप Startup Companies के नाम इस प्रकार से है:
- Byju’s
- Ola
- Swiggy
- Zomato
- Paytm
- Freshworks
- Udaan
- InMobi
- PolicyBazaar
- Flipkart
- Delhivery
- Razorpay
- PharmEasy
- Licious
- Meesho
- Nykaa
- Urban Company
- GreyOrange
- Rivigo
- Quick Heal
Startup Ke Fayde:
स्टार्टअप शुरू करने के फायदे होते हैं जो कि इस प्रकार से हैं:
1. स्टार्टअप का मुख्य फायदा इनोवेशन होता है क्योंकि इसकी मदद से आप क्रिएटिव आइडिया सोच सकते हैं और उसके जरिए अपने बिजनेस की शुरुआत करते हैं।
2. स्टार्टअप्स या नए बिजनेस से कई प्रकार के जॉब क्रिएट होते हैं जिससे बहुत सारे लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं।
3. स्टार्टअप की वजह से देश की आर्थिक विकास में काफी बढ़ोतरी होती है क्योंकि नए उद्योग, नए उत्पाद और सेवाएं बनती है जिसकी वजह से आर्थिक विकास हो पाता है।
4. स्टार्टअप में flexibility होती है जिसकी वजह से यह अपने बिजनेस मॉडल, प्रोडक्ट और सर्विस को अपने कस्टमर के मुताबिक चेंज कर सकते हैं।
5. स्टार्टअप के सफल होने की वजह से एंटरप्रेन्योरशिप कल्चर में काफी ग्रोथ हुई है जो की युवा पीढ़ी को काफी प्रेरित करता है।
6. कुछ स्टार्टअप का सामाजिक प्रभाव पर भी फोकस करता है और सामाजिक समस्याओं को समाधान करने में सक्षम होता है जिससे कि समाज और अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक प्रभाव होता है।
स्टार्टअप के फायदे जानने के बाद चलिए अब समझते हैं कि स्टार्टअप के नुकसान क्या हो सकते हैं?
Startup Ke Nuksan:
स्टार्टअप के कुछ नुकसान इस प्रकार से हैं:
1. स्टार्टअप शुरू करने के लिए अनिश्चितता काफी सामान्य है क्योंकि इन्हें प्रोडक्ट और सर्विस का सक्सेस रेट पता नहीं होता है और इसमें रिस्क भी काफी हाई होता है।
2. स्टार्टअप के लिए फंडिंग पाना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है इन्वेस्टर का भरोसा जीतना और उनसे फंडिंग पाना काफी मुश्किल होता है।
3. स्टार्टअप के एंटरप्रेन्योर्स और और फाउंडर्स की जीवन शैली काफी चैलेंजिंग होती है उन्हें अपने बिजनेस के लिए काफी ज्यादा टाइम और रिसोर्सेज इन्वेस्ट पड़ता है।
4. स्टार्टअप में ह्यूमन रिसोर्सेज को मैनेज करना भी काफी चैलेंजिंग हो सकता है।
5. स्टार्टअप को Regulatory Compliance को काफी गंभीरता से लेना पड़ता है क्योंकि सरकार के लिए इन नियमों और विनियमों को पालन करना होता है।
संक्षेप में कहा जाए तो स्टार्टअप में काफी चुनौतियां आती है जिनमें अनिश्चित फंडिंग की चुनौतियां होती है, जीवन शैली में अस्थिरता ह्यूमन रिसोर्सेज को मैनेज करना और भी अन्य चीज है परंतु स्टार्टअप के एंटरप्रेन्योर्स और फाउंडर्स को इन सभी चैलेंज के साथ डील करना पड़ता है ताकि वे एक सक्सेसफुल बिजनेस क्रिएट कर पाए।
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Startup Aur Business Me Antar:
स्टार्टअप और बिजनेस दोनों काफी समान होते हैं परंतु दोनों में कुछ अंतर होते हैं जो कि इस प्रकार से हैं:
Startup | Business |
स्टार्टअप एक नया बिजनेस वेंचर होता है जिसे एंटरप्रेन्योर्स अपने इन्नोवेटिव आईडियाज की मदद से नए प्रोडक्ट और सर्विस को मार्केट में लॉन्च करते हैं। | एक बिजनेस वेंचरअपने प्रोडक्ट और सर्विस को मार्केट में लॉन्च करता है परंतु उसमें इनोवेशन का लेवल स्टार्टअप की तुलना में थोड़ा कम होता है। |
स्टार्टअप में ग्रोथ पर फोकस किया जाता है | परंतु बिजनेस में ट्रेडिशनल बिजनेस मॉडल पर फोकस किया जाता है। |
स्टार्टअप मे इन्वेस्टर के साथ इक्विटी शेयरिंग का कॉन्सेप्ट होता है, | परंतु बिजनेस में इन्वेस्टर का रोल इक्विटी सेविंग से ज्यादा डेट फाइनेंसिंग पर होता है। |
स्टार्टअप के लिए इन्वेस्टमेंट काफी हाई रिस्क और हाई रीवार्ड पर हो सकता है। | परंतु बिजनेस में इन्वेस्टमेंट काफी सेफ होता है। |
स्टार्टअप के लिए मार्केट वैलिडेशन और कस्टमर फीडबैक लेना जरूरी होता है | परंतु बिजनेस के लिए एक स्थापित कस्टमर बेस और ब्रांड लॉयल्टी काफी जरूरी हो जाता है। |
Conclusion:
इस प्रकार से हमने समझा कि Startup Kya Hota Hai और भारत सरकार के द्वारा जारी किए गए स्टार्टअप इंडिया के बारे में भी आपको जानकारी दी साथ ही साथ हमने यह भी समझा कि एक स्टार्टअप किस तरीके से कार्य करता है और आप अपना खुद का स्टार्टअप कैसे शुरू कर सकते हैं.
और इसके साथ आप अपना स्टार्टअप शुरू करने के लिए फंड कैसे प्राप्त कर सकते हैं और हमने यह भी समझा कि स्टार्टअप शुरू करने के फायदे क्या है और नुकसान क्या हो सकते हैं।
उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा लिखा गया है द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा अगर इससे जुड़ा कोई भी सवाल आपके मन में है तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।
FAQ:
स्टार्टअप इंडिया क्या है
Startup India भारत सरकार की पहल है जिसे 16 जनवरी 2016 को लांच किया गया था और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना है।
भारत की स्टार्टअप राजधानी कौन सी है?
भारत की स्टार्टअप राजधानी बेंगलुरु है.
स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत कब हुई?
स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत 16 जनवरी 2016 को हुयी.
स्टार्टअप दिवस कब मनाया जाता है?
स्टार्टअप दिवस 16 जनवरी को मनाया जाता है.
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