करारोपण (Taxation in Hindi), अर्थ, परिभाषा, विशेषताएँ, उद्देश्य

इस आर्टिकल में आप करारोपण यानी कि Taxation in Hindi के बारे में समझेंगे:

  1. करारोपण क्या है (What is a Taxation in Hindi)
  2. करारोपण का अर्थ (Taxation Ka Arth Kya Hai)
  3. करारोपण कि परिभाषा (Taxation Ki Paribhasha)
  4. कर की विशेषताएँ (Kar Ki Visheshtayen)
  5. करारोपण के उद्देश्य (OBJECTS OF TAXATION)
  6. भारतीय कर प्रणाली के गुण
  7. भारतीय कर प्रणाली के दोष

करारोपण क्या है (What is a Taxation in Hindi):

आधुनिक राज्य का उद्देश्य समाज का अधिकतम कल्याण करना होता है, अतः राज्य को अनेक लोक कल्याणकारी कार्य करने पड़ते हैं। इन कार्यों को करने के लिए साधनों की आवश्यकता होती है। साधनों को प्राप्त करने के लिए जनता पर करारोपण भी करना होता है

कर लगाते समय इस बात को ध्यान में रखना होता है कि को न्यूनतम सामूहिक त्याग करना पड़े। इस उद्देश्य की प्राप्ति एक अच्छी कर प्रणाली द्वारा ही संभव है।

करारोपण का अर्थ (Taxation Ka Arth Kya Hai):

कर का अर्थ एवं परिभाषा:

(MEANING AND DEFINITION OF TAX) कर राज्य की आय का एक प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण साधन है। किसी भी देश की सरकार की आय का एक भाग विभिन्न करों से ही प्राप्त होता है। विभिन्न अर्थशास्त्रियों के द्वारा कर की अलग-अलग परिभाषाएँ दी गई जो निम्नानुसार है-

स्नेहन के शब्दों में:

कर धन के रूप में दिया गया वह अनिवार्य अंशदान है, जो राज्य के निवासियों को सामान्य लाभ पहुँचाने के लिए किये गये व्यय को पूरा करने के लिए लोगों से लिया जाता है

डॉ. डाल्टन के अनुसार:

कर किसी सार्वजनिक संस्था द्वारा लगाया गया एक अनिवार्य अंशदान है. जो किसी कानूनी अपराध के सेवा के रूप में नहीं लगाया जाता और न ही इसके बदले में निश्चित में सेवाएं ही दी जाती हैं

टेलर के शब्दों में:

कर वे अनिवार्य भुगतान हैं, जो करदाता द्वारा सरकार को बिना किसी प्रत्यक्ष साथ की आशा के लिए दिये जाते हैं।

बैस्टेबल के अनुसार:

“कर व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह के धन में से दिया गया एक अनिवार्य अंगदान है, जो सार्वजनिक सत्ताओं की सेवाओं के बदले में दिया जाता है।

टॉसिंग के अनुसार:

“सरकार के द्वारा लिये गये अन्य प्रभारों की तुलना में कर का भार करदाता एवं सार्वजनिक अधिकारियों के बीच प्रत्यक्ष जैसा को तैसा का अभाव है।”

प्रो. एडम्स के शब्दों में:

“कर नागरिकों द्वारा सार्वजनिक सहायता के लिए दिया जाने वाला दान है।”

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कर की विशेषताएँ (Kar Ki Visheshtayen):

  1. कर एक अनिवार्य भुगतान है,
  2. कर से प्राप्त आय सरकार द्वारा सामान्य लाभ के लिए व्यय की जाती है,
  3. कर के बदले विशेष लाभ प्राप्त नहीं होता,
  4. कर लाभ की लागत नहीं है,
  5. कर व्यक्तियों द्वारा दिये जाते हैं,
  6. करों का भुगतान आय में से होता है,
  7. कर एक कानूनी व्यवस्था है।
करारोपण के उद्देश्य (OBJECTS OF TAXATION):

करारोपण के उद्देश्य (Kar ke Uddeshya) कुछ इस प्रकार है:

  1. आय प्राप्त करना,
  2. अर्थव्यवस्था का नियमन एवं नियंत्रण,
  3. आय का समान वितरण करना,
  4. पूँजी निर्माण को प्रोत्साहन,
  5. राष्ट्रीय आय को एक उपयुक्त स्तर पर बनाये रखना

(1) आय प्राप्त करना:

कर आय प्राप्त करने के उद्देश्य से लगाये जाते हैं। प्राचीन करारोपण का उद्देश्य केवल धन को एकत्रित करना था, किन्तु आज सरकार कर लगाने के पूर्व इसके अभि व नैतिक प्रभावों का अध्ययन करती है, अतः वर्तमान करारोपण की नीतियों अधिक वैज्ञानिक हो गयी है।

(2) अर्थव्यवस्था का नियमन एवं नियंत्रण:

कर नीति द्वारा सरकार आयात व निर्यातों को कर्म करती है अर्थात् उपभोग को हतोत्साहित या प्रोत्साहित करती है। इस प्रकार करों का उद्देश्य आय प्राप्त ही नहीं होता, बल्कि गैर आगम उद्देश्य से भी कर लगाये जाते हैं जिन्हें नियामक कर कहते हैं।

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एक अच्छी कर प्रणाली की विशेषताएँ:
  1. करारोपण के सिद्धान्तों के अनुरूप होनी चाहिए,
  2. अधिकतम सामाजिक लाभ,
  3. न्यायपूर्ण,
  4. कर प्रणाली लोचपूर्ण हो,
  5. कर प्रणाली संतुलित हो,
  6. मितव्ययी,
  7. सुविधाजनक,
  8. बहुकर प्रणाली,
  9. निश्चितता,
  10. पर्याप्तता,
  11. आर्थिक विकास एवं स्थिरता के अनुरूप
  12. समान वितरण पर आधारित हो।
भारतीय कर प्रणाली के गुण:

(MERITES OF INDIAN TAX SYSTEM) भारतीय कर प्रणाली में निम्न गुण विद्यमान हैं-

(1) भारत में लगाए गए प्रत्यक्ष कर, जैसे- आयकर, सम्पत्ति कर, मृत्युकर आदि प्रगतिशील होने कारण समानता पर आधारित हैं।

(2) भारतीय कर प्रणाली में विविधता विद्यमान है अर्थात् यहाँ अनेक प्रकार के कर लगाए जाते हैं।

(3) भारतीय कर प्रणाली में निश्चितता का गुण भी विद्यमान है, क्योंकि बजट प्रस्तुत करते समय करों की दर, सरकार को प्राप्त होने वाली संभावित आय आदि का उल्लेख कर दिया जाता है।

(4) भारतीय कर प्रणाली लोचपूर्ण है, क्योंकि प्रतिवर्ष करों की दर में परिवर्तन करके सरकार अपने राजस्व में परिवर्तन करती रहती है।

(5) भारतीय कर प्रणाली में उत्पादकता का गुण इसलिए विद्यमान है, क्योंकि करों से होने वाली आय में निरन्तर वृद्धि हो रही है।

(6) भारत में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार के कर लगाए जाते हैं।

(7) कर लगाते समय सरकार इस बात का ध्यान रखती है कि करों का विनियोग, बचत एवं उत्पादन प्रतिकूल प्रभाव न पड़े तथा लोगों को अधिकतम संतुष्टि हो, जिससे कल्याण में वृद्धि हो।

भारतीय कर प्रणाली के दोष:

(DEMERITES OF INDIAN TAX SYSTEM) भारतीय कर प्रणाली में निम्नलिखित दोष हैं-

(1) यह आदर्श कर प्रणाली नहीं है। यहाँ उद्योग-धंधे की आवश्यकताओं को जाने बिना ही आयात निर्यात कर लगाये जाते हैं।

(2) भारतीय कर प्रणाली में समानता के नियम की उपेक्षा की गयी है। कर प्रणाली अमीरों के विरुद्ध रोबों के प्रति भेदभाव रखती है।

(3) भारतीय कर प्रणाली अव्यवस्थित है और इसका विकास वैज्ञानिक आधार पर नहीं हुआ है।

(4) भारतीय कर प्रणाली असंतुलित है, क्योंकि देश में करारोपण से प्राप्त आय में अप्रत्यक्ष करों से अधिक आप प्राप्त होती है।

(5) भारतीय कर प्रणाली में न्यायशीलता का अभाव है, क्योंकि अप्रत्यक्ष करों की अधिकता के कारण अमीरों की अपेक्षा गरीब वर्ग पर कर का भार अधिक पड़ता है।

(6) भारतीय कर प्रणाली में मितव्ययिता का अभाव है। करों के वसूल करने में व्यर्थ के खर्च अधिक होते हैं।

(7) भारतीय कर प्रणाली अनिश्चित है, क्योंकि भारत में बजट मानसून का जुआ समझा जाता है।

(8) भारतीय कर प्रणाली में कार्यकुशलता का अभाव है, फलस्वरूप कर की चोरी अधिक होती है।

(9) भारतीय कर प्रणाली की प्रवृत्ति मुख्य रूप से प्रतिगामी है, जिसके अनुसार गरीब वर्ग को अमीरों की तुलना में अधिक कर चुकाना पड़ता है।

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