Venture Capital in Hindi: जानें वेंचर कैपिटल के बारे में पूरी जानकारी

अगर आपको बिजनेस, स्टार्टअप या फिर इन्वेस्टमेंट में काफी रूचि है तो आपने वेंचर कैपिटल का नाम तो जरूर सुना होगा, परंतु यदि आप इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आप जरूर पढ़िए

क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको वेंचर कैपिटल (Venture Capital in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं तो बिना किसी देरी के चलिए आज हम आपको बताते हैं कि वेंचर कैपिटल क्या है, वेंचर कैपिटल के प्रकार क्या है, वेंचर कैपिटल के लाभ और इससे क्या हानि हो सकती है?

Venture Capital in Hindi:

Venture Capital यानी कि VC एक प्रकार का प्राइवेट इक्विटी होता है जिसमें कि निवेशक Seed Stage, Early Stage या फिर ग्रोथ स्टेज की कंपनियों को Funds देने में मदद करते हैं और यह कंपनियां आमतौर पर हाई ग्रोथ पोटेंशियल रखती है परंतु लिमिटेड फाइनेंसियल रिसोर्सेज के साथ शुरू होती है।

इसके साथ ही Investors अपने निवेश के बदले कंपनी में इक्विटी या फिर ओनरशिप स्टेक लेते हैं ताकि भविष्य में कंपनियों की ग्रोथ की वजह से इन्वेस्टर भी प्रॉफिट कमा सकें।

VC के जरिए कंपनियों को ना सिर्फ फाइनेंसियल सहायता मिलती है बल्कि उन्हें निवेशकों का एक अच्छा अनुभव और संसाधन भी प्राप्त होता है जिसका उपयोग वह अपने बिजनेस स्ट्रैटेजिस और ऑपरेशंस में बेहतर तरीके से कर सकते हैं।

Venture capital का उपयोग टेक्नोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, क्लीन एनर्जी और हाई ग्रोथ इंडस्ट्री में बहुत ही सामान्य हो गया है।

वीसी के निवेशकों का सामान्य उद्देश्य होता है कि निवेश पर उच्च रिटर्न प्राप्त करना और निवेश को बढ़ावा देना इसका मतलब यह नहीं है कि वह सभी कंपनियों पर निवेश करते हैं जिनमें प्रॉफिट के बहुत हाई चांस हो और जिसमें आमतौर पर High Risk High Reward के साथ इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं।

इस प्रकार की कंपनियों में सफलता की संभावना बहुत ही अधिक हो जाती है परंतु ऐसी कंपनियों की विफलता के मौके भी होते हैं, ऐसी स्थिति में VC Firms काफी रिसर्च करती है और कंपनी पर इन्वेस्ट करने से पहले Due Diligence Process को फॉलो करती है।

Venture capital आमतौर पर एक फंड के साथ काम करना पसंद करती है जिस तरीके से इन्वेस्टर अपना कैपिटल कंट्रीब्यूशन करता है।

वीसी फंडिंग करने का एक लोकप्रिय तरीका मौजूद है जिसे हम Venture Rounds के नाम से जानते हैं, वेंचर राउंड सामान्य रूप से सीड राउंड से शुरू होती है जिसकी वजह से कंपनियों को सीड फंडिंग मिलती है।

और यह सीड फंडिंग फैमिली या फ्रेंड्स या फिर एंजल इन्वेस्टर की मदद से मिलती है, सीड फंडिंग के बाद कंपनी अपना अगला Move पेश करती है, इसे सीरीज A, B, C और D राउंड में Funding Raise करती है और हर राउंड में फंडिंग की अमाउंट बढ़ जाती है क्योंकि कंपनी की वैल्यू भी बढ़ती है।

एक अच्छी VC फर्म ऐसी कंपनियों के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकती है जिनके लिए Bank से लोन लेना या फिर Debt Financing की सुविधा मौजूद नहीं होती है तो इस परिस्थिति में उन्हें एक अच्छी Venture Capital Firm की आवश्यकता होती है जो उनकी कंपनियों पर पैसा लगा सके।

और कंपनियों को भी वीसी फंडिंग लेने से पहले यह ध्यान देना जरूरी है कि उनका बिजनेस मॉडल ठीक से वैलिडेट है कि नहीं और इसके साथ उन्हें अपने इन्वेस्टमेंट ऑप्शन के लिए काफी रिसर्च करनी चाहिए।

Venture Capital Meaning in Hindi:

Venture Capital का हिंदी मतलब उद्यम पूंजी होता है और इसके साथ ही Venture Capitalists का हिंदी मतलब उद्यम पूंजीदाता होता है।

Example of Venture Capital in Hindi:

वेंचर कैपिटल के कुछ प्रमुख उदाहरण इस प्रकार से हैं:

Google:

गूगल एक बहुत बड़ा और सफल वेंचर कैपिटल फंडेड कंपनी है गूगल को सन 1998 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी कंप्यूटर साइंस के 2 छात्रों Sergey Brin और Larry Page ने मिलकर बनाया था।

इसके बाद सन 1999 में, Sequoia Capital ने गूगल में 12 मिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया जिसके बाद से गूगल का काफी ग्रोथ और डेवलपमेंट हुआ और आज यह दुनिया की लीडिंग सर्च इंजन कंपनी में से एक है।

Facebook:

फेसबुक भी एक सफल वेंचर कैपिटल फंड एक कंपनी है जो बहुत बड़ा और सक्सेसफुल है, फेसबुक को 2004 में हावर्ड यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट Mark Zuckerberg ने बनाया था जिसके बाद सन 2005 में Accel Partners ने फेसबुक में 12.7 मिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया। 

इस इन्वेस्टमेंट के बाद फेसबुक ने काफी तरक्की की और आज यह वर्ल्ड की सबसे बड़ी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में से एक है।

Uber:

अगर बात करें एक सक्सेसफुल ट्रांसपोर्टेशन कंपनी तो Uber उनमें से एक है जोकि वेंचर कैपिटल फंडिंग से शुरुआत हुई। Uber को Travis Kalanick और Garrett Camp ने बनाया था।

इसके बाद सन 2010 में First Round Capital और Lowercase Capital जैसे फर्म्स ने Uber में 1.25 मिलियन डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया जिसके बाद से Uber ने काफी Growth किया और आज यह दुनिया की लीडिंग Ride-Hailing Service Provider में से एक है।

Venture Capital Types in Hindi:

Venture Capital के कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

types of venture capital in hindi

Seed Funding:

सीड फंडिंग को pre-seed funding भी कहा जाता है, और इसे स्टार्टअप की शुरुआती स्टेज में दिया जाता है जिसमें स्टार्टअप की आइडिया का प्रोटोटाइप के साथ मार्केट रिसर्च और प्रोडक्ट का डेवलपमेंट भी शामिल किया जाता है।

इस प्रकार की फंडिंग में वेंचर कैपिटल फर्म्स स्टार्टअप की इक्विटी और कन्वर्टिबल डेट इंस्ट्रूमेंट के रूप में इन्वेस्ट करते हैं।

Early Stage Venture Capital:

इस प्रकार के वेंचर कैपिटल स्टार्टअप को दिया जाता है जो पहली स्टेज के बाद इनिशियल ट्रेक्शन के बाद मौजूद होते हैं और इसमें फंडिंग में वेंचर कैपिटल फर्म्स इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट की मदद से निवेश करते हैं।

Expression Stage Venture Capital:

इस प्रकार के वेंचर कैपिटल को ग्रोथ स्टेज का वेंचर कैपिटल भी कहा जाता है, यह वह स्टार्टअप होते हैं जो पहले से ही Established होते हैं और उन्हें अपने बिजनेस को एक्सपेंड करने के लिए फंडिंग की आवश्यकता होती है।

Mezzanine Financing:

यह स्टार्टअप के Debt और Equity के बीच का हाइब्रिड फॉर्म होता है और इस प्रकार के फंडिंग में वेंचर कैपिटल फर्म को हाय रिटर्न की उम्मीद होती है जिसमें इन्वेस्टमेंट की term 3 से 7 सालों तक की होती है।

Acquisition or Buyout Financing:

इस प्रकार के फंडिंग में वेंचर कैपिटल Established Business को acquire करने के लिए या फिर Buyout करने के लिए फंड देते हैं और इस प्रकार की फंडिंग में Debt और Equity इंस्ट्रूमेंट की मदद से इन्वेस्टमेंट किया जाता है।

यह वेंचर कैपिटल के कुछ प्रकार हैं जो स्टार्टअप या फिर बिजनेस को फंड प्रोवाइड करने में मदद करते हैं।

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Advantages of Venture Capital in Hindi:

वेंचर कैपिटल के कुछ फायदे इस प्रकार से हैं:

Advantages of Venture Capital in Hindi

Access to Capital:

अगर देखा जाए तो वेंचर कैपिटल का सबसे फायदा यह है कि यह स्टार्टअप के लिए शुरुआती फंडिंग प्रोवाइड करा देता है, क्योंकि ऐसा देखा गया है कि बहुत सारे स्टार्टअप को शुरुआती समय में पैसों की कमी के वजह से बिजनेस की शुरुआत करने में काफी तकलीफों का सामना करना पड़ता है।

वेंचर कैपिटल इस प्रकार की समस्या को बड़ी ही आसानी से दूर कर देता है, जिससे कि कोई भी अपना बिजनेस आसानी से शुरू कर सकता है।

Guidance and Mentoring:

किसी भी बिजनेस या स्टार्टअप को अपने फील्ड में सक्सेस होने के लिए गाइडेंस और मेंटरिंग की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता होती है जोकि वेंचर कैपिटल के माध्यम से आसानी से मिल सकती है, वेंचर कैपिटल उन्हें Business Strategies, Product Development, Sales And Marketing और Financial Planning जैसे महत्वपूर्ण विषयों के बारे में गहराइयों से जानकारी दे सकते हैं।

Industry Connection:

वेंचर कैपिटल का बहुत सारे बिजनेसमैन और Industry Connection होते हैं जिसकी मदद से वे नई स्टार्टअप को उनके नेटवर्क से कनेक्ट कर सकते हैं ताकि उन्हें इंडस्ट्री के expert और इन्वेस्टर और कस्टमर के पोटेंशियल के बारे में अच्छी जानकारी मिल सके।

Brand Building:

वेंचर कैपिटल स्टार्टअप के लिए एक अच्छा ब्रांड बिल्डिंग बनाने में काफी मदद करती है इस प्रकार से स्टार्टअप के पास भी अपने बिजनेस के लिए एक अच्छा ब्रांड इमेज बनाने का मौका होता है ताकि भविष्य में उन्हें फायदा हो सके।

High Return on Investment:

वेंचर कैपिटल को किसी भी बिजनेस में Investment करने के बाद High Return की उम्मीद होती है, अगर स्टार्टअप का बिजनेस पोटेंशियल सही होता है तो उनका ग्रोथ पोटेंशियल हाई होने के चांसेस बढ़ जाते हैं जिसकी मदद से वेंचर कैपिटल को भी काफी फायदा होने के चांस रहता है।

यह वेंचर कैपिटल के कुछ प्रमुख फायदे हैं जिसकी मदद से किसी भी बिजनेस या स्टार्टअप को काफी फायदा हो सकता है।

चलिए अब समझते हैं कि एक वेंचर कैपिटल के क्या नुकसान हो सकते हैं?

Disadvantages of Venture Capital in Hindi:

वेंचर कैपिटल के कुछ प्रमुख नुकसान इस प्रकार से हैं:

Disadvantages of Venture Capital in Hindi

Dilution of Ownership:

वेंचर कैपिटल फर्म इक्विटी या कन्वर्टिबल डेट इंस्ट्रूमेंट के एक्शन में फंड प्रोवाइड करते हैं जिससे कि स्टार्टअप के मालिकों को अपना ownership dilute करना पड़ता है जिसकी वजह से स्टार्टअप के मालिकों को अपने बिजनेस को कंट्रोल करने पर काफी हद तक समझौता करना पड़ सकता है।

Decision Making Problem:

वेंचर कैपिटल स्टार्टअप के साथ मिलकर एक सक्रिय भूमिका निभाता है जिसकी वजह से उनका हस्तक्षेप होना स्टार्टअप के निर्णय लेने की प्रक्रिया में आता है।

जिसके कारण स्टार्टअप के मालिकों को अपने बिजनेस से रिलेटेड किसी भी प्रकार के निर्णय लेने से पहले अपने इन्वेस्टर से सलाह लेने की जरूरत पड़ सकती है जो कि एक फ्लैक्सिबिलिटी और स्वतंत्रता पर प्रभाव डाल सकती है।

High Expectations:

वेंचर कैपिटल फर्म को किसी भी स्टार्टअप में निवेश करने के बाद एक High Return मिलने की काफी उम्मीद रहती है जिसकी वजह से स्टार्टअप को भी उनके उम्मीद को पूरा करने की जिम्मेदारी होती है।

अगर स्टार्टअप उनकी इन उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाते तो वेंचर कैपिटल फर्म्स उन्हें इन्वेस्टमेंट के अगेंस्ट लीगल एक्शन भी लेना पड़ सकता है।

Time Constraints:

वेंचर कैपिटल फर्म्स में इन्वेस्टमेंट की अवधि 3 से 7 वर्षों की होती है इस प्रकार से स्टार्टअप को भी इन समय अवधि के दौरान अपने बिजनेस को प्रॉफिटेबल और सक्सेसफुल बनाने के लिए काफी प्रेशर होता है।

Costly:

वेंचर कैपिटल के लिए इन्वेस्टमेंट स्टार्टअप को अपने इक्विटी या कन्वर्टिबल इंस्ट्रूमेंट के अगेंस्ट पेमेंट करना होता है इस प्रकार से वेंचर कैपिटल से फंडिंग लेना स्टार्टअप को काफी Costly पड़ सकता है।

यह वेंचर कैपिटल से होने वाले कुछ नुकसान है इसलिए किसी भी स्टार्टअप को फंडिंग लेने से पहले उनके फायदे होने के साथ-साथ उनके नुकसान के बारे में भी एक बार जान लेना जरूरी है। 

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Conclusion:

किसी भी बिजनेस या स्टार्टअप को शुरू करने के लिए शुरुआती इन्वेस्टमेंट की काफी जरूरत होती है जो कि हमें वेंचर कैपिटल के माध्यम से आसानी से मिल सकती है

इसी कड़ी को देखते हुए आज हमने समझा कि वेंचर कैपिटल क्या है वेंचर कैपिटल के प्रकार क्या है वेंचर कैपिटल के उदाहरण और वेंचर कैपिटल के फायदे क्या है और इसके साथ ही इसके क्या नुकसान हो सकते हैं।

हम उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा अगर आपके मन में इस विषय के प्रति कोई भी सवाल है तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।  

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