भारत में शेयर बाजार (Share Market in Hindi) निगमित क्षेत्र के लिए संसाधन जुटाने में अहम् भूमिका निभाते हैं। ये प्रतिभूतियों और शेयरों के लेन-देन के लिए संगठित बाजार बनाते हैं।
भारत में शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कम्पनियों की संख्या 31 मार्च, 1999 में 9,877 थी। इस दृष्टि से विश्व में भारत का पहला स्थान है।
दूसरा स्थान 8,479 कम्पनियों के साथ अमरीका का है। राष्ट्रीय शेयर बाजार (NSE) की स्थापना की संस्तुति 1991 में ‘फेरवानी समितिने की थी। 1992 में सरकार ने भारतीय औद्योगिक विकास बैंक को इस बाजार की स्थापना का कार्य सौंपा।
आज आप इस आर्टिकल के माध्यम से समझेंगे कि:
- शेयर बाजार क्या है
- शेयर बाजार के अर्थ और परिभाषा
- शेयर सूचकांक क्या है (What is a Share Index)
- भारत में मान्यता प्राप्त 24 स्टॉक एक्सचेंज (24 Stock Exchanges Recognized in India)
- SEBI क्या है (SECURITIES AND EXCHANGE BOARD OF INDIA-SEBI)
- सेबी के कार्य (Function of SEBI in Hindi)
भारतीय औद्योगिक विकास बैंक ही राष्ट्रीय शेयर बाजार का प्रमुख प्रर्वतक है। राष्ट्रीय शेयर बाजार की प्रारंभिक अधिकृत पूँजी 25 करोड़ रु. है।
राष्ट्रीय शेयर बाजार, इक्विटी शेयर, ऋण-पत्र सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के बॉण्ड तथा सरकारी प्रतिभूतियों का कारोबार करता है। इसका मुख्यालय दक्षिण मुम्बई में वर्ली में है।
हिन्दी भाषा का शब्द ‘अंश, अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘शेयर’ का हिन्दी अनुवाद है। इसका शाब्दिक अर्थ हिस्सा अथवा भाग से है। इस प्रकार कम्पनी को कुल पूँजी एक निश्चित राशि के हिस्सों अथवा भागों में विभाजित होती है।
इन्हीं हिस्सों अथवा भागों को शेयर कहते हैं। जैसे-यदि एक कम्पनी की पूंजी 10,000 रुपये है और इसे दस-दस रुपये के 1,000 हिस्सों में बाँटा गया है, तो दस रुपये के इस प्रत्येक हिस्से को ‘शेयर’ कहा जाता है।
कम्पनी अधिनियम की धारा 2 (36) के अनुसार “शेयर का आशय, कम्पनी की अंग पूँजी के अंश से है तथा इसमें स्कन्ध भी सम्मिलित होते हैं,
जब तक कि अंश और स्टॉक में अन्तर न किया गया हो। (स्टॉक) कम्पनी के पूर्ण दत्त अंशों के परिवर्तित रूप होते हैं।”
किसी भी कम्पनी द्वारा पूँजी जुटाने हेतु अपने स्वामित्व का एक हिस्सा बेचकर लोगों से उनकी बचत प्राप्त की जाती है और इसके बदले में दिया गया प्रमाण पत्र ‘शेया कहलाता है। प्रत्येक शेयर धारक का कम्पनी में स्वामित्व अपने शेयरों के कुल मूल्य के अनुपात में होता है।
इस प्रकार, शेयरों एवं अंश- पत्रों का क्रय-विक्रय जिस बाजार में होता है, उसे शेयर बाजार कहा जाता है। ये शेयर बाजार कुछ निश्चित एवं नियमित स्थानों पर ही होते हैं, जिन्हें स्टॉक एक्सचेंज (शेयर बाजार) के नाम से जाना जाता है।
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लार्ड जस्टिस लिण्डले के अनुसार “कम्पनी की संयुक्त पूँजी मुद्रा में संबोधित की जाती है। और वह कम्पनी की पूंजी है, ये व्यक्ति जो उसमें अंशदान करते हैं अथवा जो उसके स्वामी होते हैं.
कम्पनी के सदस्य अथवा अंशधारी कहलाते हैं। पूँजी का वह आनुपातिक भाग जिसका प्रत्येक सदस्य अधिकारी होता है, उसका अंश या शेयर कहलाता है।”
शेयरों के बाजार में मूल्य का प्रदर्शन शेयर सूचकांक द्वारा किया जाता है। प्रत्येक शेयर को उनके आकार एवं महत्व के अनुसार भार देकर उनके मूल्यों में होने वाले परिवर्तनों के आधार पर शेयर सूचकांक तैयार किये जाते हैं।
भारत में मान्यता प्राप्त 24 स्टॉक एक्सचेंज (24 Stock Exchanges Recognized in India):
- उत्तर प्रदेश स्टॉक एक्सचेंज कानपुर (उत्तरप्रदेश)
- बड़ोदरा स्टॉक एक्सचेंज, बड़ौदा (गुजरात)
- कोयम्बटूर स्टॉक एक्सचेंज, कोयम्बटूर (तमिलनाडु)
- मेरठ स्टॉक एक्सचेंज, मेरठ
- मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज, मुम्बई (महाराष्ट्र)
- ओवर दी काउण्टर एक्सचेंज ऑफ इंडिया, मुम्बई (महाराष्ट्र)
- राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज, मुम्बई (महाराष्ट्र)
- अहमदाबाद स्टॉक एक्सचेंज, अहमदाबाद (गुजरात)
- बंगलौर स्टॉक एक्सचेंज, बंगलौर (कर्नाटक)
- भुवनेश्वर स्टॉक एक्सचेंज, भुवनेश्वर (उड़ीसा)
- कलकत्ता स्टॉक एक्सचेंज, कलकत्ता, (पश्चिम बंगाल)
- कोचीन स्टॉक एक्सचेंज, कोचीन (केरल)
- दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज, दिल्ली
- एक्सचेंज, गुसाहारी (असम)
- हैदराबाद स्टॉक एक्सचेंज, हैदराबाद (आंध्रप्रदेश)
- जयपुर स्टॉक एक्सचेंज, जयपुर (राजस्थान)
- कनारा स्टॉक एक्सचेंज, मंगलौर (केरल)
- स्टॉक एक्सचेंज (पंजाब)
- चेन्नई स्टॉक एक्सचेंज, चेन्नई (तमिलनाडु)
- मध्यप्रदेश स्टॉक एक्सचेंज, इन्दौर (मध्यप्रदेश)
- स्टॉक एक्सचेंज, पुणे (महाराष्ट्र)
- सौराष्ट्र स्टॉक एक्सचेंज, राजकोट (गुजरात)
- मगध स्टॉक एक्सचेंज, पटना (बिहार)
- कैपिटल स्टॉक एक्सचेंज केरल लिमिटेड, तिरुअनंतपुरम (केरल)। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड सेबी
SEBI क्या है (SECURITIES AND EXCHANGE BOARD OF INDIA-SEBI):
आर्थिक उदारीकरण की नौतियों के फलस्वरूप पूँजी बाजार में जनता को रुचि में वृद्धि हुई है। अत: बाजार में निवेशकों का संरक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 12 अप्रैल 1988 में एक गैर-सांविधिक संस्था ‘भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना की गई।
30 जनवरी, 1992 को एक अध्यादेश पारित कर इसे वैधानिक दर्जा प्रदान कर दिया गया। सेवी के प्रबंध मण्डल में 6 सदस्य होते हैं, जो कि इनका प्रबंधन एवं संचालन करते हैं।
इन सदस्यों में केन्द्र सरकार द्वारा नामित एक चेयरमैन, दो सदस्य वित्त एवं कानून की जानकारी रखने वाले केन्द्रीय मंत्रालयों के अधिकारियों में से एक सदस्य भारतीय रिजर्व बैंक से तथा दो सदस्य केन्द्र सरकार द्वारा मनोनीत किए जाते हैं इसका मुख्यालय मुम्बई में तथा कोलकाता, दिल्ली तथा चेन्नई में इसके क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
प्रर्वतक कम्पनियों-IDBI, ICICI तथा IFCI द्वारा प्राप्त सेवी की प्रारंभिक पूँजी वर्ष 1988 से 75 करोड़ रु. थी।
इस धनराशि के निवेश से व्याज द्वारा प्राप्त आय से सेबी के दिन-प्रतिदिन कार्य किए जाते हैं। सेबी को अब भारतीय पूँजी बाजार विनिमयित करने संबंधी वैधानिक शक्ति प्रदान कर दी गई है।
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सेबी के कार्य (Function of SEBI in Hindi):
भारतीय शेयर बाजार की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता हेतु सृजित सेवी के प्रमुख कार्य हैं-
(1) प्रतिभूति बाजार में निवेशकों के हितों की रक्षा करना तथा प्रतिभूति बाजार को उचित उपायों के माध्यम से विकसित करना एवं नियमित करना।
(2) स्टॉक एक्सचेंजों तथा किसी भी अन्य प्रतिभूति बाजार के व्यवसाय का नियमन करना।
(3) म्यूचुअल फण्ड्स की सामूहिक निवेश की योजनाओं को पंजीकृत करना तथा उनका नियमन करना।
(4) स्वयं द्वारा नियंत्रित संगठनों को प्रोत्साहित करना।
(5) प्रतिभूतियों के बाजारों से संबंधित अनुचित व्यापार व्यवहारों को समाप्त करना।
(6) प्रतिभूतियों के बाजार से जुड़े हुए लोगों को प्रशिक्षित करना तथा निवेशकों की शिक्षा को प्रोत्साहित करना
(7) प्रतिभूतियों के अंतरंग व्यापार पर रोक लगाना।
(8) शेयर ट्रांसफर एजेंट्स, स्टॉक ब्रोकर्स, सब ब्रोकर्स, बैंकर्स इस्टीज, अण्डरराइटर्स, पोर्ट फोलियों मैनेजर आदि के कार्यों का नियमन करना तथा उनका पंजीकरण किया जाना।
(9) प्रतिभूतियों के बाजार में कार्यरत विभिन्न संगठनों के कार्यकलापों का निरक्षण करना तथा सुव्यवस्था सुनिश्चित करना है
(10) उपर्युक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अनुसंधान कार्य करना।

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