नमस्कार दोस्तों Skyfino के Knowledgeable वेबसाइट में आपका स्वागत है, पिछले आर्टिकल में आपने Tele-Communication Service के बारे में समझा, इसी सीरीज को आगे बढ़ाते हुए आज हम हिंदी में समझेंगे की इंटरनेट क्या है? What is Internet in Hindi
Highlights:
- इंटरनेट क्या है? – What is Internet in Hindi
- इंटरनेट कैसे काम करता है? (How Internet works in Hindi)
- इंटरनेट सेवाओं के प्रकार (Types of Internet Services)
- इन्टरनेट का इतिहास क्या है (History of Internet in Hindi)
- इंटरनेट के लाभ (Benefit of Internet in Hindi)
- इन्टरनेट से होने वाली हानियाँ
- इन्टरनेट कि विशेषताएं
- इंटरनेट कनेक्शन के प्रकार क्या है Types of Internet Connection in Hindi
- Internet Ka Full Form Kya Hota Hai
- इंटरनेट के उपयोग
- इंटरनेट के लिए आवश्यक उपकरण क्या है
इंटरनेट क्या है? – What is Internet in Hindi:
Internet पूरे विश्व में लगे हुए विभिन्न जगहों पर कंप्यूटर को जोड़ने का एक माध्यम है जिसकी मदद से हम विभिन्न प्रकार के सूचनाओं या Information को एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेज सकते हैं।
अगर आसान शब्दों में कहा जाए तो इंटरनेट बहुत सारे Computer के ग्रुप से जुड़ा हुआ Network होता है। जिसकी मदद से हम एक दूसरे को Information शेयर कर सकते हैं।
यह नेटवर्क छोटे स्थानों से लेकर दूरस्थ इलाकों तक फैला हुआ रहता है, यानी कि किसी Office में टेलीफोन लाइन से जुड़े कंप्यूटर भी नेटवर्क के अंतर्गत आते हैं।
आपको बता दें कि एक ही शहर में विभिन्न कंप्यूटर नेटवर्क आपस में जुड़ कर डाटा का आदान प्रदान कर सकते हैं और इस प्रकार के नेटवर्क को Local Area Network कहते हैं.
पूरे विश्व भर में लाखों-करोड़ों Computer, Telephone, Satellite Fibre Optics और Radio आदि सभी डिवाइस इन नेटवर्क से जुड़े हुए रहते हैं जिन्हें हम इंटरनेट के रूप में जानते हैं
और इंटरनेट भी नेटवर्कों का नेटवर्क होता है जोकि समान रूप से पूरे विश्व भर में फैला हुआ रहता है। और इंटरनेट ही Information का व्यापार है।
इंटरनेट कैसे काम करता है? (How Internet works in Hindi):
Internet के बारे में समझने के बाद चलिए अब हम आप को समझाते हैं कि इंटरनेट आखिर कैसे काम करता है?
सभी Computer आपस में नेटवर्क के माध्यम से जुड़े हुए रहते हैं और एक दूसरे के साथ डाटा का Transfer यानी कि आदान प्रदान करते हैं।
इसके लिए हमें उस स्थान का पता होना भी जरूरी है जहां यह डाटा ट्रांसफर करनी है और इसके साथ ही Electronic Signal की भी आवश्यकता होती है।
इंटरनेट पर डाटा का ट्रांसफर के लिए कुछ नियम आवश्यक होते हैं जोकि इन डाटा को Send करने में और Receive करने में नियंत्रित करते हैं।
जोकि नेटवर्क सॉफ्टवेयर में कार्य करते हैं:
Transmission Control Protocol (TCP)
Internet Protocol (IP)
इन्हें TCP/IP भी कहा जाता है, TCP किसी दूसरे कंप्यूटर में डाटा को भेजते समय छोटे पैकेट में विभाजित कर देता है, और इसके साथ ही कुछ Important Information जैसे कि: Data Packet, Error Resolving, Code आदि को भी बता देता है।
जिससे यह सभी Data और Information अपने सही स्थान पर पहुंच सके और डाटा में किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या ना हो।
इसके साथ ही IP यानी कि Internet Protocol जिस स्थान पर Data पहुंच चुका है इसकी Information देने का कार्य करता है।
आपको बता दें कि इंटरनेट की दुनिया में यह जरूरी नहीं होता है कि सभी डाटा पैकेट्स कंप्यूटर से लेकर कंप्यूटर तक एक ही Path में पहुंचे, कुछ डाटा पैकेट Routers का भी उपयोग कर सकते हैं।
इसके साथ ही एक और डिवाइस Gateways है जोकि विभिन्न प्रकार के Electronic Network को इंटरनेट के साथ जोड़ने का कार्य करती है और उसके साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान में भी मदद करती है।
इंटरनेट सेवाओं के प्रकार (Types of Internet Services):
Internet की सेवाएं मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं:
- शेल एकाउंट (Shell Account)
- टीसीपी/आईपी एकाउंट (TCP/IP Account)
शेल एकाउंट (Shell Account):
यह इंटरनेट की दुनिया की सबसे पुरानी और सस्ती सेवाओं में से एक है जिसमें हमें किसी भी प्रकार का चित्र और ग्राफिक्स नहीं दिखता है, इस सेवा के जरिए हमारा कंप्यूटर इंटरनेट की सेवा प्रदान करने वाली विभाग के कंप्यूटर के मॉडेम के जरिए जुड़ सकता है।
उसके बाद ही हमें इंटरनेट से सूचनाएं प्राप्त होती है, आपको बता दें कि इस प्रोसेस में हमारा कंप्यूटर और इंटरनेट का कंप्यूटर आपस में एक दूसरे के साथ सीधे Connect नहीं हो सकता है, जिसके वजह से हम Voice, Picture, Graphics नहीं देख सकते हैं।
टीसीपी/आईपी एकाउंट (TCP/IP Account):
TCP जिसका फुल फॉर्म Transmission Control Protocol और IP का फुल फॉर्म Internet Protocol है, इसमें यूजर कंप्यूटर के माध्यम से इंटरनेट से Direct Connect हो सकता है और वह इंटरनेट का भाग बन जाता है।
इंटरनेट पर उपलब्ध सभी जानकारी जैसे की Picture, Graphics, Voice and Sounds, Cartoon और भी अन्य चीजें इसके द्वारा उपयोग में लाई जाती है।
शेल एकाउंट की तुलना में इसका कार्य और इस स्पीड थोड़ा Slow रहता है। इसे SLIP/PPP एकाउंट के नाम से भी जानते हैं, इसमें किसी भी विभाग को इंटरनेट की सेवा प्राप्त करने के लिए बार-बार फाइल बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
Internet ka Itihas (History of Internet in Hindi):
चलिए अब समझते हैं कि इन्टरनेट का इतिहास क्या है?
तो इंटरनेट की शुरुआत सबसे पहले तो USA की सेना के द्वारा किया गया था, USA की सेना ने युद्ध के समय संचार की सेवा को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए इंटरनेट का निर्माण किया गया था।
सन 1969 ARPANET नाम का एक नेटवर्क बनाया गया था जोकि इंटरनेट का प्रारंभिक दौर था।
ARPANET का फुल फॉर्म Advance Research Project Agency Network हैं। और यह ARPANET TCP/IP के मॉडल पर कार्य करता था।
इसके बाद सन 1970 में सबसे पहले इंटरनेट की शुरुआत Vinton Gray Cerf और Bob Kanh दोनों ने मिलकर की थी, और इन दोनों ने मिलकर ही इंटरनेट का आविष्कार किया था।
जिसकी वजह से इन्हें Father of Internet कहा जाता है। इसके बाद सन 1973 में Internet Network को उपयोग करने के लिए Standard Protocol के Groups जैसे कि: FTP & TCP/IP को बनाया गया।
जिसकी मदद से लोग आसानी से एक दूसरे के साथ Communicate कर सके और Data का Transfer भी कर सके।
सन 1976 में Ethernet का भी आविष्कार कर लिया गया था, इसकी मदद से हम एक छोटे से एरिया में बहुत सारे कंप्यूटर को आपस में एक दूसरे के साथ connect कर सकते हैं।
इंटरनेट का इस्तेमाल सबसे पहले ब्रिटिश डाकघर में किया गया था। इसके बाद सन 1980 में नेशनल साइंस फाउंडेशन ने कुछ हाई स्पीड कंप्यूटर्स को आपस में जोड़कर एक नेटवर्क NSFnet बनाया, जिसके बाद से ही इंटरनेट की नींव रखी गई थी।
वर्ल्ड वाइड वेब यानी कि WWW का भी अविष्कार सन 1990 में हो गया था, यह इंटरनेट का एक मॉड्यूल है जिसका हम सभी उपयोग करते हैं और इसी की मदद से हम कोई भी वेबसाइट को सर्च कर पाते हैं।
आपको बता दें कि इंटरनेट को सभी आम जनता के लिए सन 1989 में खोल दिया था।
शिक्षा और रिसर्च से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी और डाटा को ट्रांसफर करने के लिए हाई स्पीड नेटवर्क की जरूरत होती थी, जिसकी वजह से सन 1991 में National Research and Education Network (NREN) की स्थापना की गई थी।
इंटरनेट के लाभ (Benefit of Internet in Hindi):
Internet ke Labh कुछ इस प्रकार से हैं:
- Communication करने में
- एंटरटेनमेंट में
- जानकारी लेने में
- ई-कॉमर्स में
- Payment करने में सहायक
- इंटरनेट के अन्य लाभ

1. Communication करने में:
हम सभी तो यह जानते हैं कि इंटरनेट इंटरनेट पर E-Mail जैसी सुविधा मौजूद है जोकि बहुत ही तेज गति से Message को एक User से दूसरे User तक बहुत ही कम लागत में आसानी से भेज सकता है यहां तक कि इंटरनेट की मदद से दो लोग आपस में Video Chat की मदद से Communicate भी कर सकते हैं।
2. इंटरटेनमेंट में:
Internet हमारे दैनिक दिनचर्या में मनोरंजन करने के लिए बहुत ही ज्यादा उपयोगी है, इंटरनेट की मदद से हम अपनी मनपसंद फ़िल्में, गाने और गेम भी खेल सकते हैं।
3. जानकारी लेने में:
आज के समय में इंटरनेट जानकारियों का एक समुद्र है जहां सामान्य ज्ञान का विशाल भंडार मौजूद है यहां कोई भी ऐसा क्षेत्र मौजूद नहीं है जिसकी कोई भी विस्तृत जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध ना हो।
4. ई-कॉमर्स में:
इंटरनेट पर विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को खरीदा और बेचा जा रहा है जिसकी वजह से ई-कॉमर्स में कॉफी तेजी आई है बहुत सारी कंपनियां अब अपने वस्तुओं को इंटरनेट के माध्यम से Online Sell करने में लगी हुई है।
5. Payment करने में सहायक:
Internet का प्रमुख लाभ यह है कि यह पेमेंट करने में बहुत ही ज्यादा सुविधा प्रदान करता है आज के समय में हर कोई, कोई ना कोई पेमेंट एप Use करता है और इंटरनेट की मदद से पेमेंट करता है।
Internet Ke Labh के बारे में समझने के बाद चलिए आप समझते हैं कि इंटरनेट की हानियां क्या है?
Internet Se Haniya इन्टरनेट से होने वाली हानियाँ:
इंटरनेट से होने वाली कुछ हानियां इस प्रकार से है:
- आज इंटरनेट का उपयोग बहुत ही ज्यादा किया जा रहा है, इंटरनेट के उपयोग के कारण इसका स्वास्थ्य पर बहुत ही ज्यादा गहरा प्रभाव पड़ता है जैसे कि मानसिक असंतुलन, आंखों की रोशनी कम होना, तनाव जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है।
- इंटरनेट हमारे काम को तो आसान करती है परंतु इसके अधिक उपयोग से यह हमारे समय और पैसा दोनों को भी बर्बाद करती है क्योंकि हम सभी जानते हैं कि इंटरनेट फ्री नहीं होता है।
- आज के समय में इंटरनेट के माध्यम से अनेक प्रकार की Fraud और Illegal कार्य किए जाते हैं, जैसे कि Spam, Hacking, Virus इन सभी के जरिए लाखों रुपए का नुकसान होता है।
- एक रिसर्च में पाया गया है कि इंटरनेट अधिक उपयोग करने पर कार्बन डाइऑक्साइड CO2 गैस की मात्रा वातावरण में बढ़ जाती है, क्योंकि गूगल में दो बार सर्च करने पर 15 ग्राम कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्सर्जित होती है।
- Internet से एक और हानि यह है कि मनुष्य के सोचने की क्षमता को बुरी तरीके से प्रभावित करता है, क्योंकि मनुष्य जानता है कि इंटरनेट पर सभी जानकारी मौजूद है तो वह ज्यादा सोचने का प्रयत्न नहीं करता है।
Internet Ki Visheshta in Hindi इन्टरनेट कि विशेषताएं:
Internet Ki Visheshtayen कुछ प्रमुख है, जो कि कुछ इस प्रकार से है:
- इंटरनेट की मदद से हम एक साथ बहुत सारे लोगों के साथ बातचीत कर सकते हैं जिसे इंटरनेट की भाषा में ग्रुप चैट भी कहते हैं।
- इसकी मदद से पत्र-पत्रिकाओं को भी पढ़ा और लिखा जा सकता है।
- दुनिया के किसी भी कोने की विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
- इंटरनेट का उपयोग रिसर्च की फील्ड में भी किया जा सकता है।
- इंटरनेट बैंकिंग की सेवा में बहुत ही कम लागत पर विस्तार करता है।
- यह एडवर्टाइजमेंट को व्यापक रूप से प्रचार करता है।
- इंटरनेट के माध्यम से निशुल्क शिक्षा प्राप्त करना अब आसान हो गया है।
- किसी भी बैंक, सरकारी संगठन, स्टॉक मार्केट की सूचना सभी की जानकारी बहुत ही तेज गति से इंटरनेट के माध्यम से निकाली जा सकती है।
- रोजगार की दृष्टि से भी अच्छी नौकरी भी प्राप्त की जा सकती है।
- अपना खुद का वेबसाइट बनाकर भी इंटरनेट पर पब्लिश कर सकते हैं।
इंटरनेट कनेक्शन के प्रकार क्या है Types of Internet Connection in Hindi:
Internet Connection ke Prakar कुछ इस प्रकार से हैं:

Dial Up Connection:
यह एक प्रकार का अस्थाई कनेक्शन होता है, जोकि कंप्यूटर और ISP कनेक्शन के मध्य जुड़ा हुआ रहता है, कंप्यूटर में इंटरनेट की सेवा प्राप्त करने के लिए टेलीफोन लाइन का उपयोग किया जाता है तब वहां डायल अप कनेक्शन का इस्तेमाल होता है।
यानी कि टेलीफोन लाइन के जरिए कंप्यूटर को दी जाने वाली इंटरनेट सुविधा को Dial Up Connection कहते हैं।
इसे मॉडेम का उपयोग करके बनाया जाता है जिसकी वजह से यह कनेक्शन अन्य कनेक्शन की अपेक्षा काफी सस्ता और इसकी स्पीड भी कम होती है और इस तरह के कनेक्शन को हम kbps या फिर Mbps में माप सकते हैं, इसके साथ ही इसे एनालॉग कनेक्शन भी कहते हैं।
ISDN Connection:
ISDN Connection का फुल फॉर्म Integrated Service Digital Network है, जोकि डायल अप कनेक्शन की अपेक्षा काफी तेज गति से चलता है और इसकी कनेक्शन भी बेहतर होती है जिसकी वजह से यह थोड़ा ज्यादा महंगा होता है।
Brodband Connection:
ब्रॉडबैंड कनेक्शन इंटरनेट पर उपयोग की जाने वाली सबसे हाई स्पीड कनेक्टिविटी होती है जोकि वाइट बैंड की Frequency का उपयोग करती है।
इस कनेक्शन को भी कंप्यूटर तक पहुंचाने के लिए टेलीफोन लाइन का उपयोग किया जाता है, इस कनेक्शन की स्पीड अन्य कनेक्शन की अपेक्षा काफी तेज होती है।
ब्रॉडबैंड कनेक्शन में चार प्रकार के हाई स्पीड डाटा यूजर प्रदान किए जाते हैं:
- Digital Subscriber Line (DSL)
- Cable Modem
- Fibre Optics
- Broadband Over Power Line
Wireless Connection:
जैसे कि नाम से पता चल रहा है वायरलेस कनेक्शन ऐसा कनेक्शन होता है जिसमें Wire का उपयोग नहीं किया जाता है, यानी कि बिना टेलीफोन लाइन के यह सुविधा प्रदान की जाती है।
वायरलेस कनेक्शन Radio Frequency Band के माध्यम से सभी डिवाइस को इंटरनेट की सुविधा पहुंचाता है, अगर देखा जाए तो सुविधा के हिसाब से यह कनेक्शन बहुत ही अच्छा है परंतु जहां नेटवर्क का प्रॉब्लम होता है वहां इंटरनेट ठीक से काम नहीं कर पाता।
Wireless Connection का सबसे अच्छा उदाहरण है Wi-Fi, हम सभी यह जानते हैं कि वाईफाई को चलाने के लिए किसी भी केबल की आवश्यकता नहीं होती बल्कि यह तो केवल और केवल Router का उपयोग करती है।
Satellite Connection:
यह कनेक्शन अंतरिक्ष में Satellite की मदद से कनेक्शन स्थापित करता है, और यह भी एक प्रकार का Wireless Broadband ही होता है, जिसे कम आबादी वाले क्षेत्रों में इंटरनेट पहुंचाने के लिए बनाया गया है।
Satellite Signal का उपयोग करके कनेक्शन को User तक पहुंचाया जाता है।
Mobile Internet Connection:
मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग अधिकतर मोबाइल पर ही किया जाता है और इस तरह की सर्विस हमें टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के द्वारा अलग-अलग प्लान के द्वारा प्रोवाइड की जाती है।
सभी यूज़र अपने हिसाब से प्लान को सेलेक्ट करते हैं और इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं।
Internet Ka Full Form Kya Hota Hai:
चलिए अब हम आपको बताते हैं कि Internet का फुल फॉर्म क्या होता है?
Internet का Full Form Interconnected Network होता है, जिसे हिंदी में चयन बोर्ड के रूप में जानते हैं। यह लाखों web-server को आपस में कनेक्ट करने का काम करता है।
Internet Ke Upyog इंटरनेट के उपयोग:
- फाइल को ट्रांसफर करने में
- ऑनलाइन चैट करने में
- वेब सर्च करने में
- ऑनलाइन शॉपिंग करने में
- ऑनलाइन पेमेंट करने में

फाइल को ट्रांसफर करने में:
इंटरनेट का सबसे पहले उपयोग तो किसी भी फाइल को ट्रांसफर करने के लिए ही किया जाता है।
ऑनलाइन चैट करने में:
इंटरनेट की मदद से हम किसी भी दूर बैठे व्यक्ति से ऑनलाइन चैट तो कर ही सकते हैं साथ में हम उसके साथ वीडियो चैट भी कर सकते हैं।
वेब सर्च करने में:
आज के समय में लोग इंटरनेट पर अपने अधिकांश सवालों को ढूंढते हैं जिसे वेब सर्च कहा जाता है, वेब सर्च के जरिए लोगों को उनके सभी सवालों के जवाब उन्हें आसानी से मिल जाते हैं।
ऑनलाइन शॉपिंग करने में:
आज के समय में ऑनलाइन शॉपिंग की मांग बढ़ती जा रही है लोग अब शॉपिंग करने के लिए बाहर नहीं जाते हैं बल्कि अपने मोबाइल या कंप्यूटर में इंटरनेट की मदद से घर बैठे ऑनलाइन शॉपिंग कर लेते हैं।
ऑनलाइन पेमेंट करने में:
ऑनलाइन पेमेंट की डिमांड भी बढ़ती ही जा रही हैं लोग Cash रखने की बजाएं ऑनलाइन पेमेंट करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं यह ऑनलाइन पेमेंट भी इंटरनेट से हो पाना संभव हुआ है।
इंटरनेट के लिए आवश्यक उपकरण क्या है?
Internet कि सेवा का उपयोग करने के लिए कुछ आवश्यक उपकरणों की आवश्यकता होती है जो कि इस प्रकार से हैं:
- कंप्यूटर सिस्टम
- टेलिफोन कनेक्शन
- मॉडेम
कंप्यूटर सिस्टम:
इंटरनेट की सेवा प्राप्त करने के लिए सबसे पहले Device की जरूरत होती है वह Computer System की क्योंकि इसके बिना हम Internet Access नहीं कर पाएंगे।
टेलीफोन कनेक्शन:
इंटरनेट की सेवा का लाभ लेने के लिए दूसरी सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है टेलीफोन कनेक्शन क्योंकि इसके बिना हम इंटरनेट की Connectivity प्राप्त नहीं कर पाएंगे यानी कि कंप्यूटर पर टाइप किया गया कोई भी Message इसी के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचता है।
मॉडेम:
यह इंटरनेट सेवा प्राप्त करने का तीसरा सबसे आवश्यक उपकरण हैं, एक प्रकार का ऐसा उपकरण है जोकि डिजिटल डाटा को एनालॉग डाटा में और एनालॉग डाटा को डिजिटल डाटा में बदल देता है।
कंप्यूटर में जो भी मैसेज टाइप किया जाता है वह डिजिटल डाटा के रूप में होता है जो कि टेलीफोन लाइन की मदद से नहीं गुजर पाता है तो ऐसे में डिजिटल डाटा को एनालॉग डाटा में बदलना पड़ता है और यह कार्य मॉडेम कर देता है जिसके बाद मैसेज एक ही स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से पहुंच जाता है।
परंतु वहां मौजूद कंप्यूटर एनालॉग डाटा को स्वीकार नहीं करता है जिसकी वजह से हमें फिर से मॉडेम की आवश्यकता होती है क्योंकि इस बार मॉडेम एनालॉग डाटा को डिजिटल डाटा में बदल देता है इसके बाद कंप्यूटर पर मैसेज पढ़ने लायक हो जाता है।
Conclusion:
आपने इस आर्टिकल कि मदद से समझा कि इंटरनेट क्या है What is Internet in Hindi और इंटरनेट कैसे काम करता है इंटरनेट के लाभ क्या है उम्मीद करते है आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी.
FAQ:
इंटरनेट क्या है इसके प्रकार?
अगर आसान शब्दों में कहा जाए तो इंटरनेट बहुत सारे Computer के ग्रुप से जुड़ा हुआ Network होता है। जिसकी मदद से हम एक दूसरे को Information शेयर कर सकते हैं। यह नेटवर्क छोटे स्थानों से लेकर दूरस्थ इलाकों तक फैला हुआ रहता है, यानी कि किसी Office में टेलीफोन लाइन से जुड़े कंप्यूटर भी नेटवर्क के अंतर्गत आते हैं।
Internet के प्रकार:
डायल अप कनेक्शन (Dial up Connection)
Broadband कनेक्शन
DSL कनेक्शन
Cable कनेक्शन
Wireless कनेक्शन
USB Modem कनेक्शन
Satellite कनेक्शन
Mobile कनेक्शन
इंटरनेट के लाभ क्या है?
इंटरनेट की मदद से हम एक साथ बहुत सारे लोगों के साथ बातचीत कर सकते हैं जिसे इंटरनेट की भाषा में ग्रुप चैट भी कहते हैं।
इसकी मदद से पत्र-पत्रिकाओं को भी पढ़ा और लिखा जा सकता है।
दुनिया के किसी भी कोने की विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
इंटरनेट का उपयोग रिसर्च की फील्ड में भी किया जा सकता है।
इंटरनेट बैंकिंग की सेवा में बहुत ही कम लागत पर विस्तार करता है।
इंटरनेट कैसे काम करता है?
Internet के बारे में समझने के बाद चलिए अब हम आप को समझाते हैं कि इंटरनेट आखिर कैसे काम करता है? सभी Computer आपस में नेटवर्क के माध्यम से जुड़े हुए रहते हैं और एक दूसरे के साथ डाटा का Transfer यानी कि आदान प्रदान करते हैं। इसके लिए हमें उस स्थान का पता होना भी जरूरी है जहां यह डाटा ट्रांसफर करनी है और इसके साथ ही Electronic Signal की भी आवश्यकता होती है। इंटरनेट पर डाटा का ट्रांसफर के लिए कुछ नियम आवश्यक होते हैं जोकि इन डाटा को Send करने में और Receive करने में नियंत्रित करते हैं।
जोकि नेटवर्क सॉफ्टवेयर में कार्य करते हैं:
Transmission Control Protocol (TCP)
Internet Protocol (IP)
भारत में इंटरनेट की शुरुआत कब हुई थी?
भारत में इंटरनेट की शुरुआत सन 1987 में हुई, और सन 1995 में विदेश संचार निगम लिमिटेड ने भारत में व्यवसायिक रूप से इंटरनेट की सेवा का आरंभ कर दिया जिसके बाद से आज हमारे देश में इंटरनेट का प्रचार-प्रसार बहुत ही तेज गति से बढ़ रहा है। Information Technology के उपयोग के कारण भारत में बिजनेस का समृद्धि प्राप्त करने की पूर्ण क्षमता है।

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